क्या केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने मुंबई के एसजीएनपी में तेंदुआ 'सिम्बा' को गोद लिया?

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क्या केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने मुंबई के एसजीएनपी में तेंदुआ 'सिम्बा' को गोद लिया?

सारांश

केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने मुंबई के एसजीएनपी में तेंदुआ 'सिम्बा' को गोद लिया। यह कदम न केवल उनके वन्यजीव संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि नागरिकों को भी प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता के लिए प्रेरित करता है। जानें इस पहल के बारे में!

Key Takeaways

  • रामदास आठवले ने तेंदुआ 'सिम्बा' को गोद लिया।
  • यह कदम वन्यजीव संरक्षण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • एसजीएनपी में 50 से अधिक तेंदुए निवास करते हैं।
  • पार्क में कई प्रजातियों की जैव विविधता है।
  • दत्तक ग्रहण योजना में कोई भी भाग ले सकता है।

मुंबई, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रामदास आठवले ने शुक्रवार को मुंबई के संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (एसजीएनपी) में छह वर्षीय तेंदुआ 'सिम्बा' को गोद लिया। पिछले सात वर्षों से अपने बेटे जीत के लिए तेंदुओं को गोद लेने के लिए चर्चित आठवले ने अपनी टीम के साथ उद्यान के बचाव केंद्र का दौरा किया।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री और उनकी पत्नी सीमा आठवले को एसजीएनपी की वन्य पशु दत्तक ग्रहण योजना के तहत प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। पिछले साल आठवले ने अपने बेटे के जन्मदिन पर तेंदुआ 'भीम' को गोद लिया था। इस मौके पर केक काटकर और बुद्ध वंदना का पाठ करके उत्सव मनाया गया था।

इस बार भी आठवले ने वन्यजीव संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के अध्यक्ष आठवले ने इस अवसर पर कहा, "तेंदुओं का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। यह पार्क मुंबई जैसे महानगर में प्रकृति का अनमोल खजाना है।"

उनके एक सहयोगी ने बताया, "रामदास आठवले को प्रकृति और वन्यजीवों से गहरा लगाव है। तेंदुआ गोद लेना पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण में उनका योगदान है।"

संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान मुंबई और ठाणे जिलों में लगभग 105 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह पार्क अपने समृद्ध जैव-विविधता के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें विभिन्न प्रजातियों की वनस्पतियां, स्तनधारी, पक्षी, तितलियां, उभयचर और सांप शामिल हैं।

विशेष रूप से यह उद्यान 50 से अधिक तेंदुओं का घर है, जो शहरी परिवेश के बीच स्वतंत्र रूप से विचरण करते हैं। पार्क में खिलौना ट्रेन, शेर और बाघ सफारी पर्यटकों को लुभाते हैं। आठवले की यह पहल न केवल वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाती है, बल्कि लोगों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील होने के लिए प्रेरित भी करती है।

एसजीएनपी की वन्य पशु दत्तक ग्रहण योजना के तहत कोई भी व्यक्ति या संगठन पार्क के जानवरों को गोद लेकर उनके रखरखाव में योगदान दे सकता है। यह योजना वन्यजीवों के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवास को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि रामदास आठवले की यह पहल केवल एक व्यक्तिगत प्रयास नहीं है, बल्कि यह एक सामूहिक जिम्मेदारी का हिस्सा है। वन्यजीव संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदम समाज में जागरूकता फैलाते हैं और हमें प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारियों को याद दिलाते हैं।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

रामदास आठवले ने तेंदुआ 'सिम्बा' को कब गोद लिया?
रामदास आठवले ने तेंदुआ 'सिम्बा' को 4 जुलाई को गोद लिया।
एसजीएनपी में तेंदुओं की संख्या कितनी है?
एसजीएनपी में 50 से अधिक तेंदुओं का घर है।
तेंदुआ गोद लेने का क्या महत्व है?
तेंदुआ गोद लेने से वन्यजीव संरक्षण में योगदान मिलता है और लोगों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाने में मदद करता है।