क्या स्वामी प्रसाद मौर्य ने आजम खान से मिलकर भाजपा पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया?

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क्या स्वामी प्रसाद मौर्य ने आजम खान से मिलकर भाजपा पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया?

सारांश

स्वामी प्रसाद मौर्य ने आजम खान से मिलकर भाजपा पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया है। क्या यह रामपुर की राजनीति में एक नया मोड़ है? जानिए पूरी कहानी में।

Key Takeaways

  • आजम खान की रिहाई ने राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है।
  • स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए।
  • सपा ने आजम को समर्थन नहीं दिया, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ीं।
  • इस मुलाकात का रामपुर की राजनीति पर व्यापक असर पड़ सकता है।

रामपुर, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता आजम खान की जेल से रिहाई के बाद रामपुर में राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आई है। शनिवार को राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (आरएसएसपी) के संस्थापक और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य आजम खान के निवास पर पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए भाजपा सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि आजम खान के साथ अन्याय हुआ है और भाजपा ने राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित अत्याचार किए हैं। उन्होंने हाल ही में सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा की गई मुलाकात पर भी सवाल उठाया और इसे 'घड़ियाली आंसू' करार दिया, यह कहते हुए कि सपा ने आजम के कठिन समय में उनका साथ नहीं दिया।

मौर्य ने आगे कहा, "मैं आजम खान से औपचारिक मुलाकात के लिए आया हूं। लोकतंत्र में जो आजम के साथ हुआ, वह नहीं होना चाहिए। यह लोकतंत्र पर एक कलंक है। भाजपा की ज्यादतियां बेहद शर्मनाक हैं।"

उन्होंने सपा पर भी आरोप लगाया कि पार्टी ने आजम को कभी समर्थन नहीं दिया, जिससे उनकी पीड़ा और बढ़ गई। मौर्य ने कहा, "आजम ने सपा के लिए बहुत कुछ किया, लेकिन विपत्ति में उन्हें अकेला छोड़ दिया गया।"

आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम ने स्वामी प्रसाद मौर्य का स्वागत करते हुए कहा कि यह मुलाकात परिवार और समर्थकों के लिए खुशी का अवसर है।

ज्ञात हो कि आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्वालिटी बार भूमि हड़पने के मामले में जमानत दी, जिसके बाद वे सीतापुर जेल से बाहर आए। लगभग 23 महीने की कैद के बाद यह रिहाई उनके लिए राहत लेकर आई। हालांकि, वे कई अन्य मामलों में अभी भी फंसे हुए हैं। 8 अक्टूबर को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उनके आवास पर मुलाकात की, जहां उन्होंने आजम को पार्टी का 'अटूट हिस्सा' बताया और 2027 के विधानसभा चुनाव में झूठे मुकदमों को खत्म करने का वादा किया।

Point of View

मैं यह मानता हूँ कि राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप गंभीर है। इससे न केवल राजनैतिक स्थिरता प्रभावित होती है, बल्कि समाज में भी असमानताएँ उत्पन्न होती हैं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोकतंत्र की गरिमा बनी रहे।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

आजम खान को कब रिहा किया गया?
आजम खान को 11 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जमानत मिलने के बाद रिहा किया गया।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा पर क्या आरोप लगाया?
स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा पर राजनीतिक प्रतिशोध और अन्याय करने का आरोप लगाया।
आजम खान के बेटे ने स्वामी प्रसाद मौर्य का स्वागत क्यों किया?
अब्दुल्ला आजम ने इस मुलाकात को परिवार और समर्थकों के लिए सुखद बताया।