क्या रांची जेल में कैदियों की डांस पार्टी ने हाईकोर्ट को सख्त कर दिया?
सारांश
Key Takeaways
- जेल में कैदियों की डांस पार्टी का आयोजन एक गंभीर मामला है।
- हाईकोर्ट ने प्रशासन की विफलता पर सख्त टिप्पणी की।
- राज्य सरकार को जल्द से जल्द जेल अधीक्षक की नियुक्ति करनी होगी।
- सुरक्षा में चूक पर जेल प्रशासन को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
- इस मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी को होगी।
रांची, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में शराब और जीएसटी घोटाले के आरोपियों का डांस करते हुए वीडियो वायरल होने पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की। इस दौरान राज्य के जेल आईजी ने व्यक्तिगत रूप से ब्रीफिंग दी।
अदालत ने जेल के भीतर गंभीर मामलों के कैदियों की डांस पार्टी को शर्मनाक बताते हुए राज्य सरकार को मौखिक निर्देश दिया कि दो दिनों के अंदर जेल में नियमित जेल अधीक्षक की नियुक्ति की जाए।
चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई सुनवाई के दौरान कहा गया कि जेल में स्थायी पदाधिकारी का न होना व्यवस्था से जुड़ी बड़ी समस्याएं उत्पन्न करता है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने जेल प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी परिस्थिति में कैदियों तक मोबाइल फोन, चार्जर या किसी भी प्रकार की नशीली वस्तु न पहुंच सके। हाईकोर्ट ने झालसा और पुलिस प्रशासन को भी समय-समय पर औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने यह भी कहा कि एक अति-संवेदनशील स्थान में गंभीर आरोपियों को इस तरह की गतिविधियों की अनुमति कैसे दी गई। वीडियो के बाहर आने से यह स्पष्ट है कि जेल के भीतर मोबाइल फोन का उपयोग हो रहा था।
इससे पहले 14 नवंबर को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने जेल की व्यवस्था पर कई सवाल उठाए थे और जेल आईजी को सशरीर उपस्थित होने को कहा था। अदालत ने जेल परिसर के सीसीटीवी डीवीआर को भी पेश करने का आदेश दिया था।
राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने बताया कि वीडियो सामने आने के बाद जेल विभाग ने जेलर देवनाथ राम और जमादार विनोद यादव को निलंबित कर दिया है। जांच में यह सामने आया कि डांस की घटना जेल परिसर के एक विशेष हॉल में हुई थी।
वायरल वीडियो में दिखे कैदी विधु गुप्ता और सिद्धार्थ सिंघानिया शराब एवं जीएसटी घोटाले के आरोपी थे और उस समय जेल में बंद थे। अदालत ने कहा कि इस तरह की घटनाएं जेल प्रशासन की गंभीर विफलता को दर्शाती हैं और किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हैं। मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी को होगी।