क्या रांची में कफ सिरप के अवैध कारोबार पर एसआईटी की कार्रवाई हो रही है?
सारांश
Key Takeaways
- रांची पुलिस ने कफ सिरप के अवैध कारोबार के खिलाफ कार्रवाई तेज की।
- सैली ट्रेडर्स पर दोबारा छापेमारी की गई।
- विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
- अवैध सप्लाई चेन की जांच चल रही है।
- सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी बढ़ी है।
रांची, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कफ सिरप के अवैध कारोबार से संबंधित मामले में रांची पुलिस ने अपनी जांच को और तेज कर दिया है। इस क्रम में मंगलवार को तुपुदाना औद्योगिक क्षेत्र में स्थित सैली ट्रेडर्स कंपनी पर एक बार फिर छापेमारी की गई।
सिटी डीएसपी के नेतृत्व में की जा रही इस कार्रवाई के तहत कंपनी से जुड़े तीन अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ तलाशी ली जा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, छापेमारी अभी जारी है और दस्तावेजों के साथ-साथ स्टॉक की गहन जांच की जा रही है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इसी कंपनी पर अवैध कारोबार के आरोप में कार्रवाई की थी। सैली ट्रेडर्स का संबंध तुपुदाना निवासी भोला प्रसाद से बताया जा रहा है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए रांची पुलिस ने कफ सिरप के अवैध सप्लाई चेन और नेटवर्क की जांच के लिए एक आठ सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। इस एसआईटी का नेतृत्व ग्रामीण एसपी प्रवीण पुष्कर कर रहे हैं, जबकि सिटी डीएसपी केबी रमन को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।
जांच एजेंसियों के अनुसार, उत्तर प्रदेश क्राइम ब्रांच से मिली सूचना के आधार पर हाल ही में रांची के मांडर थाना क्षेत्र में एक ट्रक से 13 हजार से अधिक प्रतिबंधित कफ सिरप की बोतलें बरामद की गई थीं। इससे पहले उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की जांच में खुलासा हुआ था कि सैली ट्रेडर्स द्वारा वाराणसी समेत उत्तर प्रदेश के कई शहरों में अवैध सप्लाई की गई।
इस मामले में वाराणसी में सैली ट्रेडर्स सहित कुल 28 थोक दवा विक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। जांच में पाया गया कि वर्ष 2023 से 2025 के बीच सैली ट्रेडर्स ने ऐबट हेल्थकेयर से लगभग 89 लाख रुपये मूल्य की फेन्सीडील खरीदी और उसे अवैध रूप से विभिन्न जिलों में सप्लाई किया।
अधिकारियों के अनुसार, यह नेटवर्क कफ सिरप को नशे के रूप में उपयोग करने वाले समूहों तक पहुंचा रहा था और निगरानी से बचने के लिए बिक्री का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जा रहा था। मध्य प्रदेश और राजस्थान में कोडीन फॉस्फेटयुक्त कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामलों के बाद देशभर में जांच तेज की गई थी और इसी दौरान रांची की यह कंपनी जांच के रडार पर आई।