क्या रांची में उग्रवादी संगठन और क्रिमिनल गैंग के नाम पर रंगदारी मांगने वाले चार अपराधी गिरफ्तार हुए?
सारांश
Key Takeaways
- रांची में चार अपराधियों की गिरफ्तारी ने रंगदारी के मामलों पर ध्यान केंद्रित किया है।
- टीएसपीसी और नीरज साहू गैंग जैसे संगठन सक्रिय हैं।
- पुलिस की तकनीकी निगरानी से अपराधियों को पकड़ने में मदद मिली।
- रंगदारी के मामलों में उग्रवादी संगठनों की संलिप्तता चिंताजनक है।
- सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
रांची, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड की राजधानी रांची में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) और नीरज साहू गैंग के नाम पर रंगदारी मांगने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों में उमेश मुंडा उर्फ दिनेश मुंडा, नितेश मुंडा, राम विजय लोहरा और पवन लोहरा शामिल हैं। इनसे मोबाइल, सिम कार्ड, नगद रुपए और धमकी भरे पर्चे बरामद किए गए हैं।
पहला मामला ओरमांझी थाना क्षेत्र का है। रांची ग्रामीण एसपी प्रवीण पुष्कर ने बताया कि 22 अक्टूबर को एक व्यक्ति ने आवेदन दिया था कि 16 अक्टूबर की शाम उसे एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को टीएसपीसी का सदस्य बताया और रंगदारी की मांग की। शिकायत के आधार पर रांची एसएसपी राकेश रंजन के निर्देश पर विशेष टीम का गठन किया गया।
तकनीकी निगरानी और गुप्त सूचना पर टीम ने बुढ़मू थाना क्षेत्र के टोंगरीटोला चकमे से उमेश मुंडा उर्फ दिनेश मुंडा और नितेश मुंडा को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उनके पास से धमकी देने में प्रयुक्त मोबाइल, तीन अन्य मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड और 17,500 रुपए नगद बरामद किए। दोनों आरोपियों ने टीएसपीसी के नाम पर रंगदारी वसूली की बात स्वीकार की है।
दूसरा मामला रांची के खलारी थाना क्षेत्र का है, जहां एक व्यक्ति ने 2 नवंबर को पुलिस को आवेदन दिया कि व्हाट्सएप कॉल और मैसेज के माध्यम से खुद को नीरज साहू गैंग का सदस्य बताकर पांच लाख रुपए की रंगदारी मांगी गई। जब रकम नहीं दी गई, तो जान से मारने की धमकी दी गई।
इस पर पुलिस ने छापेमारी की और राम विजय लोहरा और पवन लोहरा को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे पहले जेजेएमपी से जुड़े थे, लेकिन संगठन के कमजोर पड़ने के बाद नीरज साहू गैंग बनाकर कोयला कारोबारियों और भट्ठा मालिकों से लेवी वसूली शुरू कर दी थी।