क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को कारवार के कडंबा नौसैनिक अड्डे का दौरा करेंगी?
सारांश
Key Takeaways
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का कडंबा नौसैनिक अड्डे का दौरा समुद्री सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- आईएनएस विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है।
- यह यात्रा मेक इन इंडिया अभियान का समर्थन करती है।
- कडंबा नौसैनिक अड्डा भारत की नौसैनिक संचालन की रीढ़ है।
- राष्ट्रपति का दौरा नौसेना की आधुनिक क्षमताओं को दिखाता है।
कारवार, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के कडंबा नौसैनिक अड्डे का दौरा करेंगी। यह यात्रा देश की समुद्री सुरक्षा और स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
राष्ट्रपति शनिवार को गोवा पहुंचीं, जहां डाबोलिम एयरपोर्ट पर गोवा के राज्यपाल पुसापति अशोक गजपति राजू, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय विद्युत एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाइक तथा नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने उनका स्वागत किया।
आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मू रविवार सुबह 10:00 बजे हेलीकॉप्टर द्वारा कारवार पहुंचेंगी। कडंबा नौसैनिक अड्डे पर पहुंचने पर भारतीय नौसेना की ओर से उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा।
अपने दौरे के दौरान राष्ट्रपति कडंबा नौसैनिक अड्डे की विभिन्न अत्याधुनिक सुविधाओं का निरीक्षण करेंगी। साथ ही, वह नौसेना की एक पनडुब्बी का भी अवलोकन करेंगी, जो भारत की समुद्री सुरक्षा तैयारियों का एक महत्वपूर्ण संकेत है।
इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का दौरा होगा। आईएनएस विक्रांत भारत में निर्मित पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है, जो देश की रक्षा आत्मनिर्भरता और नौसैनिक ताकत का प्रतीक माना जाता है। राष्ट्रपति का इस पोत पर जाना भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल और मजबूत होती नौसेना क्षमता को दर्शाता है।
कडंबा नौसैनिक अड्डा भारत के पश्चिमी तट पर स्थित प्रमुख नौसैनिक केंद्रों में से एक है। इसकी रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भूमिका है और इसे भारतीय नौसेना के संचालन, रखरखाव और प्रशिक्षण का एक बड़ा केंद्र माना जाता है।