क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 29 अक्टूबर को वायुसेना के लड़ाकू विमान ‘राफेल’ में उड़ान भरेंगी?

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क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 29 अक्टूबर को वायुसेना के लड़ाकू विमान ‘राफेल’ में उड़ान भरेंगी?

सारांश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 29 अक्टूबर को अंबाला वायुसेना स्टेशन पर राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरेंगी। यह घटना भारतीय वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। जानें इस उड़ान का महत्व और क्या है राफेल विमानों का सौदा।

Key Takeaways

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 29 अक्टूबर को राफेल में उड़ान भरेंगी।
  • अंबाला वायुसेना स्टेशन की उड़ान का महत्व।
  • भारतीय वायुसेना की आधुनिकता का प्रतीक।
  • राफेल और भारतीय नौसेना के बीच सौदा की जानकारी।
  • सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की मंजूरी

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान में उड़ान भरने जा रही हैं। राष्ट्रपति 29 अक्टूबर यानी बुधवार को हरियाणा में स्थित अंबाला वायुसेना स्टेशन का दौरा करेंगी, जहां वह वायुसेना के अत्याधुनिक लड़ाकू विमान ‘राफेल’ में एक सॉर्टी (उड़ान) भरेंगी। यह अवसर भारतीय वायुसेना के लिए गौरव का क्षण होगा।

जानकारी के अनुसार, देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन राष्ट्रपति भारत की तीनों सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर भी हैं। राष्ट्रपति सचिवालय ने बताया कि इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 8 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन पर सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी। उस दौरान उन्होंने भारतीय वायुसेना के पायलटों के साथ अनुभव साझा करते हुए वायुसेना की दक्षता, अनुशासन और समर्पण की सराहना की थी।

भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान में राष्ट्रपति की उड़ान का यह अनुभव भारतीय वायुसेना की आधुनिकता, क्षमता और आत्मनिर्भर भारत के रक्षा प्रयासों का प्रतीक माना जा रहा है। अंबाला वायुसेना स्टेशन, राफेल स्क्वाड्रन की तैनाती का प्रमुख केंद्र है और इसे भारत की हवाई सुरक्षा का महत्वपूर्ण आधार माना जाता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के इस दौरे के दौरान वायुसेना प्रमुख तथा वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। इस सॉर्टी के माध्यम से राष्ट्रपति भारतीय वायुसेना के पराक्रम, तकनीकी दक्षता और सैन्य शक्ति के योगदान को एक बार फिर सलाम करेंगी।

गौरतलब है कि भारत और फ्रांस के बीच राफेल मरीन लड़ाकू विमानों का सौदा भी हो चुका है। राफेल मरीन विमानों की खरीद के लिए यह सरकार-से-सरकार की डील है। इस डील के तहत फ्रांस द्वारा भारतीय नौसेना को मरीन (एम) श्रेणी के 26 राफेल विमानों की आपूर्ति की जाएगी।

तय सौदे के मुताबिक, भारतीय नौसेना को फ्रांस द्वारा 26 राफेल मरीन फाइटर जेट की डिलीवरी दी जाएगी। इनमें से 22 फाइटर जेट सिंगल-सीटर होंगे। वहीं, नौसेना को चार ट्विन-सीटर वेरिएंट के ट्रेनिंग राफेल विमानों की डिलीवरी भी की जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने नौसेना के लिए फ्रांस से 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी। सीसीएस से मिली इस मंजूरी के बाद यह डील हुई।

Point of View

बल्कि देश की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से सेना और नागरिकों के बीच एक मजबूत संबंध विकसित होता है, जो राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देता है।
NationPress
28/10/2025

Frequently Asked Questions

राष्ट्रपति मुर्मू कब राफेल उड़ान भरेंगी?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 29 अक्टूबर को राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरेंगी।
अंबाला वायुसेना स्टेशन का महत्व क्या है?
अंबाला वायुसेना स्टेशन राफेल स्क्वाड्रन की तैनाती का प्रमुख केंद्र है और इसे भारत की हवाई सुरक्षा का महत्वपूर्ण आधार माना जाता है।
राष्ट्रपति ने पहले किस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 8 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन पर सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी।
राफेल विमानों का सौदा किसके साथ हुआ है?
भारत ने फ्रांस के साथ राफेल मरीन लड़ाकू विमानों का सौदा किया है।
भारतीय नौसेना को कितने राफेल विमानों की डिलीवरी होगी?
भारतीय नौसेना को फ्रांस द्वारा 26 राफेल मरीन फाइटर जेट की डिलीवरी दी जाएगी।