क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एम्स भुवनेश्वर का दौरा किया और एफएम कॉलेज की पीड़िता के परिवार से मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात की।
- पुलिस ने कॉलेज के प्रिंसिपल और सहायक प्रोफेसर को गिरफ्तार किया।
- पीड़िता ने आत्मदाह का प्रयास किया था।
- संवेदनशील मुद्दों पर राष्ट्रपति ने न्याय का आश्वासन दिया।
- कोई कार्रवाई न होने पर पीड़िता ने आत्मघाती कदम उठाया।
भुवनेश्वर, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के बालासोर स्थित फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज की एक छात्रा द्वारा आत्मदाह करने का प्रयास, पूरे देश में एक गंभीर मुद्दा बन गया है। इस घटना के बाद, पुलिस ने कॉलेज के प्रिंसिपल और सहायक प्रोफेसर को गिरफ्तार किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को अस्पताल में पीड़ित छात्रा के परिजनों से मुलाकात की।
अपने ओडिशा दौरे के दौरान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एम्स भुवनेश्वर के बर्न सेंटर का दौरा किया और बालासोर के एफएम कॉलेज में आत्मदाह का प्रयास करने वाली छात्रा के परिवार से मिले। उन्होंने पीड़िता के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और उसके इलाज में लगे डॉक्टरों से चर्चा की। उन्होंने इस गंभीर घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए यह आश्वासन दिया कि इसे गंभीरता से लिया जाएगा।
राष्ट्रपति के दौरे के बाद, पीड़ित छात्रा के भाई ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति ने मेरी बहन के प्रति सहानुभूति दिखाई है और हमें न्याय का आश्वासन दिया है, जिससे हमें मजबूती मिली है। राष्ट्रपति ने न्याय की बात की।
बालासोर की पीड़िता के पिता ने कहा कि हम राष्ट्रपति के आभारी हैं कि उन्होंने हमसे और हमारी बेटी से मुलाकात की। उन्होंने हर संभव मदद का वादा किया और डॉक्टरों से बातचीत की।
इस घटना के तुरंत बाद, ओडिशा उच्च शिक्षा विभाग ने एफएम कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप कुमार घोष और सहायक प्रोफेसर समीर साहू को निलंबित कर दिया था। पुलिस ने पहले समीर साहू और फिर दिलीप कुमार घोष को गिरफ्तार किया।
ज्ञात हो कि हाल ही में छात्रा सौम्यश्री बिसी ने कॉलेज के गेट के सामने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया था, जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गई। वह इंटीग्रेटेड बीएड के सेकंड ईयर की छात्रा थी। आत्मदाह का प्रयास करने से पहले, सौम्यश्री ने बीएड विभाग के प्रोफेसर समीर कुमार साहू के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कॉलेज परिसर में धरना दिया था। कोई कार्रवाई न होने पर वह निराश हो गई और आत्मघाती कदम उठाने का निर्णय लिया।