क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 11-12 दिसंबर को मणिपुर का दौरा करेंगी और विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगी?
सारांश
Key Takeaways
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मणिपुर दौरा विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
- वे पोलो प्रदर्शनी मैच का अवलोकन करेंगी।
- महिला योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी।
- विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगी।
- इम्फाल में सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखा जा रहा है।
नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 11-12 दिसंबर को मणिपुर का दौरा करने जा रही हैं। इम्फाल पहुँचने पर राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया जाएगा। इसके बाद वे ऐतिहासिक मापल कांगजेइबुंग में पोलो प्रदर्शनी मैच का अवलोकन करेंगी।
मणिपुर सरकार द्वारा 11 दिसंबर की शाम को इम्फाल के सिटी कन्वेंशन सेंटर में उनके सम्मान में आयोजित नागरिक स्वागत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल होंगी। इस अवसर पर वे विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगी और उनका उद्घाटन करेंगी।
राष्ट्रपति 12 दिसंबर को इम्फाल स्थित नुपी लाल स्मारक परिसर का दौरा करेंगी और मणिपुर की वीर महिला योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी। इसके बाद, सेनापति जिले में वे एक जनसभा को संबोधित करेंगी, जिसमें वे जिले के लिए विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगी और उनका उद्घाटन करेंगी।
मणिपुर सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्हें वीवीआईपी के दौरे के लिए सुरक्षा और अन्य संबंधित व्यवस्थाएं करने की सलाह दी गई है। इम्फाल में राष्ट्रपति के इस दौरे को लेकर जोरों से तैयारियां चल रही हैं। बीर टिकेंद्रजीत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से नुपी लाल मेमोरियल कॉम्प्लेक्स तक 7 किलोमीटर लंबी सड़क के दोनों किनारों की मरम्मत और रंगाई-पुताई की जा रही है और उन्हें रंगीन झंडों और अन्य सजावटी सामान से सजाया जा रहा है।
हवाई अड्डे की ओर जाने वाली सड़क पर केशमपत जंक्शन के पास राष्ट्रपति के स्वागत के लिए एक बैनर भी लगाए गए हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 12 दिसंबर को महिला स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए मेमोरियल कॉम्प्लेक्स का दौरा कर सकती हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 सितंबर को मणिपुर दौरे के दौरान कहा था कि केंद्र सरकार राज्य के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है क्योंकि 'विकसित भारत' को 'विकसित मणिपुर' से और मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा था कि मणिपुर में किसी भी प्रकार की हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि यहाँ अन्याय के खिलाफ लड़ने की समृद्ध और ऐतिहासिक परंपराएं हैं।