क्या राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस भारत के लिए उत्साह का प्रतीक है: शुभांशु शुक्ला?

सारांश
Key Takeaways
- राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का महत्व समझें।
- गगनयान मिशन के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
- युवाओं को प्रेरित करने के लिए वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दें।
- भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों पर गर्व करें।
- भविष्य की योजनाओं के प्रति जागरूक रहें।
नई दिल्ली, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर भारत ने अपनी अंतरिक्ष उपलब्धियों को गर्व के साथ स्मरण किया और भविष्य की योजनाओं को नई दिशा दी।
इस मौके पर अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने कहा कि यह दिन पूरे भारत के लिए उत्साह का प्रतीक है। उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस हमें उस दिशा में ले जाता है, जहां हमारा देश जाना चाहता है। अंतरिक्ष क्षेत्र में अनंत संभावनाएं हैं, और हमें निरंतर आगे बढ़ना होगा।"
भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' के लिए चुने गए भारतीय वायु सेना के अधिकारियों में से एक, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा, "यदि आप वास्तव में भारत के विकास में योगदान देना चाहते हैं, तो केवल अंतरिक्ष और विज्ञान तक सीमित न रहें। थोड़ा सपना देखें, अतीत से सीखें, वर्तमान में जिएं, और कड़ी मेहनत के साथ आगे बढ़ें।"
उन्होंने युवाओं से जमीन से जुड़े रहने और हर दिन मेहनत करने का आह्वान किया। गगनयान मिशन, जो 2026 में लॉन्च होने की उम्मीद है, भारत को मानव अंतरिक्ष यान भेजने वाला चौथा देश बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह समय भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जहां वैज्ञानिक नवाचार और राष्ट्रीय गौरव एक साथ चमक रहे हैं।
इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने का अवसर बताया। उन्होंने कहा, "यह दिन हमें अतीत की उपलब्धियों पर गर्व करने, भविष्य के लक्ष्यों पर विचार करने और युवाओं में वैज्ञानिक चेतना जागृत करने का मौका देता है।"
नारायणन ने जोर दिया कि भारत के युवा देश को विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसरो ने चंद्रयान-3 की सफलता के बाद मंगल, शुक्र और अन्य अंतरग्रहीय मिशनों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई है, जो भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को और मजबूत करेगी।