क्या आरबीआई एमपीसी ने ब्याज दरों को स्थिर रखा और महंगाई दर का अनुमान कम किया?

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क्या आरबीआई एमपीसी ने ब्याज दरों को स्थिर रखा और महंगाई दर का अनुमान कम किया?

सारांश

आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दर को स्थिर रखते हुए महंगाई दर के अनुमानों में गिरावट का ऐलान किया। यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूती प्रदान कर सकता है। जानिए इस फैसले का अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा।

Key Takeaways

  • आरबीआई ने रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा।
  • महंगाई का अनुमान 2.6 प्रतिशत किया गया।
  • जीडीपी वृद्धि अनुमान 6.8 प्रतिशत किया गया।
  • अर्थव्यवस्था में तेजी बनी हुई है।
  • निर्यात को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं।

मुंबई, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) की बैठक के निर्णयों की घोषणा की। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा है। इसके साथ ही, मौद्रिक नीति का रुख भी 'न्यूट्रल' बनाए रखा गया है।

रेपो रेट के अतिरिक्त, केंद्रीय बैंक ने स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (एसडीएफ) को 5.25 प्रतिशत पर बरकरार रखा है, जबकि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) को 5.75 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है।

इससे पूर्व, अगस्त की एमपीसी बैठक में भी आरबीआई ने रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया था। 2025 की शुरुआत से अब तक केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को एक प्रतिशत कम किया है, जिसमें फरवरी में 0.25 प्रतिशत, अप्रैल में 0.25 प्रतिशत और जून में 0.50 प्रतिशत की कटौती शामिल है।

आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है और अच्छे मानसून के चलते महंगाई दर में कमी आई है। जीएसटी कटौती ने अर्थव्यवस्था की विकास की रफ्तार में तेजी लाई है। हालांकि, टैरिफ के कारण निर्यात को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं।

केंद्रीय गवर्नर ने वित्त वर्ष 26 (चालू वित्त वर्ष) के लिए रिटेल महंगाई दर के अनुमान को घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया, जो कि अगस्त में 3.1 प्रतिशत था।

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए महंगाई दर के अनुमान को 2.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के अनुमान को 3.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 4 प्रतिशत कर दिया गया है।

आरबीआई ने अनुमान में आगे बताया कि वित्त वर्ष 27 की पहली तिमाही में महंगाई 4.5 प्रतिशत रह सकती है।

साथ ही, आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। केंद्रीय गवर्नर ने कहा कि पहली तिमाही में जीडीपी में देखी गई तेजी बनी हुई है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी की विकास दर 7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.2 प्रतिशत रह सकती है।

Point of View

यह कहना उचित है कि आरबीआई द्वारा यह निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करेगा। हालांकि, निर्यात को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं, लेकिन कुल मिलाकर यह कदम सकारात्मक दिशा में उठाया गया है।
NationPress
01/10/2025

Frequently Asked Questions

आरबीआई ने ब्याज दरें क्यों स्थिर रखी?
आरबीआई ने अर्थव्यवस्था की स्थिरता और महंगाई दर में कमी के कारण ब्याज दरें स्थिर रखी।
महंगाई का अनुमान क्यों घटाया गया?
अच्छे मानसून और जीएसटी कटौती के कारण महंगाई दर का अनुमान घटाया गया है।
आरबीआई का अगला कदम क्या हो सकता है?
आरबीआई की अगली बैठक में अर्थव्यवस्था की स्थिति के आधार पर ब्याज दरों में बदलाव किया जा सकता है।