क्या जीविका समूह ने रीमा देवी के जीवन को बदल दिया?

सारांश
Key Takeaways
- जीविका समूह ने रीमा देवी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है।
- महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकारी योजनाएँ महत्वपूर्ण हैं।
- आर्थिक स्वतंत्रता से सामाजिक सशक्तीकरण में वृद्धि होती है।
- रीमा देवी की कहानी प्रेरणा का स्रोत है।
- महिलाओं के लिए उद्यमिता के अवसर बढ़ रहे हैं।
बगहा, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के पश्चिमी चंपारण के बगहा जिले की निवासी रीमा देवी के लिए जीविका समूह एक अनमोल उपहार साबित हुआ है। रीमा देवी ने साझा किया कि एक समय था जब वह आर्थिक संकट से जूझ रही थीं। परिवार का खर्च उठाना उनके लिए कठिन हो गया था, लेकिन जब से उन्होंने जीविका समूह में शामिल हुईं, उनका जीवन एक नई दिशा में बढ़ गया है।
अब रीमा देवी आत्मनिर्भर होकर अपना व्यवसाय चला रही हैं, जिससे वह अपने परिवार का भरण-पोषण पहले से कहीं बेहतर तरीके से कर पा रही हैं।
उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का धन्यवाद किया और कहा कि उनके नेतृत्व में महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। पहले वे घर से बाहर निकलने में हिचकिचाती थीं, लेकिन अब वे अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक चला रही हैं। अब उनकी आर्थिक परेशानियाँ समाप्त हो चुकी हैं।
रीमा देवी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने तीन साल पहले जीविका समूह से जुड़ने का निर्णय लिया था। पहली बार जब उन्होंने जीविका के तहत व्यवसाय शुरू किया, तो उन्हें 10,000 रुपए की राशि मिली, जिससे उन्होंने अपनी दुकान स्थापित की। इसके बाद उन्हें 20,000 रुपए की राशि सामग्री के लिए मिली। थोड़े समय बाद उन्हें 45,000 रुपए और मिले। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दिल से आभार। इसी दुकान के माध्यम से उनके परिवार का खान-पान बिना किसी समस्या के चलता है।
ज्ञात हो कि बिहार सरकार का उद्देश्य 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और स्व-रोजगार एवं आजीविका के अवसरों के माध्यम से महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देना है। यह योजना राज्य के हर परिवार की एक महिला को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, ताकि वे अपनी पसंद का व्यवसाय या आजीविका गतिविधियाँ आरंभ कर सकें। इससे आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा।