क्या रेखा और रकुल प्रीत सिंह ने बॉलीवुड से साउथ सिनेमा तक अपनी पहचान बनाई?

सारांश
Key Takeaways
- रेखा और रकुल प्रीत सिंह ने बॉलीवुड और साउथ सिनेमा में अपनी अद्वितीय पहचान बनाई।
- दोनों अदाकाराओं ने अलग-अलग पीढ़ियों में अपने अभिनय का जादू बिखेरा।
- रेखा ने 70-80 के दशक में अपनी छाप छोड़ी जबकि रकुल ने नई पीढ़ी को आकर्षित किया।
- इनका सफर दर्शाता है कि मेहनत और प्रतिभा से कैसे सफलता हासिल की जा सकती है।
मुंबई, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड और साउथ सिनेमा भारतीय फिल्म उद्योग में अपनी अनूठी पहचान रखते हैं, लेकिन कुछ अदाकार ऐसे हैं जिन्होंने दोनों ही क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ी है। रेखा और रकुल प्रीत सिंह इसी श्रेणी में आते हैं, जिन्होंने अपनी अदाकारी के माध्यम से न केवल बॉलीवुड, बल्कि साउथ इंडस्ट्री में भी अपनी विशेष पहचान बनाई है। इन दोनों ने दर्शकों के दिलों में अपनी मेहनत और प्रतिभा से एक विशेष स्थान हासिल किया है।
जहां बॉलीवुड हिंदी फिल्मों के लिए प्रसिद्ध है, वहीं साउथ फिल्म इंडस्ट्री में तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम जैसी भाषाओं की फिल्मों का एक समृद्ध इतिहास है। रेखा का जन्म 10 अक्टूबर 1954 को बैंगलोर में हुआ और उन्होंने अपने लंबे फिल्मी करियर में कई यादगार फिल्में दीं। उन्होंने हिंदी के अलावा तमिल, कन्नड़ और तेलुगु फिल्मों में भी काम किया।
1970 के दशक में रेखा ने बॉलीवुड में कदम रखा और जल्दी ही अपनी अदाकारी के लिए मशहूर हो गईं। उनकी फिल्में जैसे सिलसिला, उमराव जान, जानी दुश्मन, चश्मे बद्दूर, मिस्टर नटवरलाल, और खूबसूरत जैसी कई हिट फिल्मों में शामिल हैं। उन्हें अपने अभिनय के लिए कई पुरस्कार मिले, जिनमें फिल्मफेयर पुरस्कार प्रमुख हैं। उनका अभिनय केवल एक्शन या रोमांस तक सीमित नहीं था, वह अपनी फिल्मों में विभिन्न प्रकार के किरदारों को जादुई तरीके से निभाने में सक्षम थीं।
रेखा ने कन्नड़ फिल्म ऑपरेशन जैकपॉट नल्ली सीआईडी 999 और तेलुगु फिल्म रंगुला रत्नम में बाल किरदार निभाया था।
वहीं दूसरी ओर, रकुल प्रीत सिंह का जन्म 10 अक्टूबर 1990 को नई दिल्ली में हुआ। वह एक नई पीढ़ी की अदाकारा हैं, जिन्होंने अपनी खूबसूरती और अदाकारी से जल्दी ही फिल्म उद्योग में नाम कमाया।
रकुल ने कन्नड़ फिल्म गिल्ली से अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन उनकी पहचान मुख्य रूप से साउथ इंडस्ट्री की तमिल और तेलुगु फिल्मों में बनी। उन्होंने तमिल, तेलुगु और कन्नड़ के साथ-साथ हिंदी फिल्मों में भी काम किया। बॉलीवुड में उन्होंने 2014 में यारियां फिल्म से डेब्यू किया।
उनके करियर में यारियां, दे दे प्यार दे, मरजावां, छतरीवाली, और साउथ की ध्रुवा जैसी कई सफल फिल्में शामिल हैं। रकुल का अभिनय शैली युवा पीढ़ी को भाती है। वे अपनी फिटनेस और ग्लैमर के लिए भी जानी जाती हैं। उन्होंने बॉलीवुड और साउथ दोनों ही इंडस्ट्री में काम करके एक ऐसी स्थिति बनाई है, जहां वे दोनों की प्रशंसा बटोर रही हैं।
रेखा और रकुल के बीच सबसे बड़ी समानता यह है कि दोनों ने अलग-अलग फिल्म उद्योगों में अपनी पहचान बनाई। रेखा ने 70 और 80 के दशक में हिंदी फिल्मों के साथ-साथ साउथ की फिल्मों में भी काम किया।
वहीं रकुल ने 2000 के दशक के बाद अपनी शुरुआत साउथ फिल्मों से की और फिर बॉलीवुड में भी अपने अभिनय का जलवा दिखाया। दोनों ने अपनी फिल्मों के माध्यम से विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के दर्शकों को जोड़ा है।