क्या रियासी में 'विकसित भारत-जी राम जी' के फैसले से रोजगार में वृद्धि होगी?
सारांश
Key Takeaways
- मनरेगा का नाम 'विकसित भारत-जी राम जी' किया गया है।
- कार्य दिवसों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 की गई है।
- स्थानीय लोग इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं।
- यह कदम रोजगार और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
- सरकार ने श्रमिकों की आमदनी में सुधार पर ध्यान दिया है।
रियासी, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मनरेगा का नाम बदलकर 'विकसित भारत-जी राम जी' करने और कार्य दिवसों को १०० से बढ़ाकर १२५ करने के सरकार के निर्णय का जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थानीय निवासियों ने जोरदार स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह कदम न केवल उनके लिए रोजगार में वृद्धि करेगा, बल्कि देश के विकास की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल है।
स्थानीय निवासी अभी शर्मा बताते हैं कि पहले मनरेगा में केवल १०० दिन का काम मिलता था, जिससे आम आदमी की आमदनी सीमित रहती थी। अब कार्य दिवस बढ़ाकर १२५ दिन कर दिए गए हैं, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि होगी। शर्मा ने कहा कि यह एक बेहद सकारात्मक कदम है और इसके लिए वे भारत सरकार का आभार व्यक्त करते हैं। उनका मानना है कि सरकार को इस तरह के और कदम उठाने चाहिए जिससे आम जनता को लाभ मिल सके।
एक और स्थानीय निवासी रोमेल सिंह ने बताया कि मोदी सरकार ने मनरेगा का नाम बदलकर 'जी राम जी' कर दिया है, जो उनकी संस्कृति और धर्म की पहचान को भी बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय का सबसे बड़ा लाभ श्रमिकों को हुआ है, क्योंकि अब उन्हें १२५ दिन का रोजगार मिलेगा। साथ ही, यह निर्णय विकसित भारत की दिशा में भी महत्वपूर्ण है। रोमेल सिंह ने कहा कि सरकार ने इस योजना में दैनिक मजदूरी और व्यक्तिगत विकास पर भी ध्यान दिया है, जिससे काम करने वालों की आमदनी और जीवन स्तर में सुधार होगा।
रोमेल सिंह ने यह भी कहा कि राम का नाम हमारी सभ्यता और संस्कृति से जुड़ा हुआ है और इस नामकरण से देश की पहचान और मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के आदर्श को भी सम्मान मिला है। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल रोजगार में वृद्धि करेगा, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी देगा कि सरकार गरीबों और श्रमिकों के हित में गंभीर है।
वहीं, कटरा के निवासी सुद्रेश सिंह ने कहा कि वे मनरेगा का नाम बदलकर 'जी राम जी' करने के लिए मोदी सरकार को धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि इस निर्णय का एक बड़ा सकारात्मक पहलू यह है कि रोजगार गारंटी, जो पहले १०० दिनों तक सीमित थी, अब बढ़ाकर १२५ दिन कर दी गई है।
स्थानीय लोग इस निर्णय से बेहद उत्साहित हैं। उनका कहना है कि अब उन्हें अधिक दिन काम करने का अवसर मिलेगा और आमदनी भी बढ़ेगी, जिससे उनके परिवार की आवश्यकताएं पूरी होंगी। इसके अलावा, यह योजना उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में राहत और सुरक्षा का एहसास भी दिलाएगी।