क्या विपक्ष की तुष्टिकरण की राजनीति का हुआ पर्दाफाश, संविधान का अपमान अस्वीकार्य है?

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क्या विपक्ष की तुष्टिकरण की राजनीति का हुआ पर्दाफाश, संविधान का अपमान अस्वीकार्य है?

सारांश

भारत में राजनीतिक हलचल के बीच भाजपा नेता रोहन गुप्ता ने विपक्ष की तुष्टिकरण की राजनीति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। क्या यह आरोप सही हैं? जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे के बारे में।

Key Takeaways

  • संविधान का सम्मान आवश्यक है।
  • तुष्टिकरण की राजनीति से बचना चाहिए।
  • राजनीतिक दलों को एकता और विकास पर ध्यान देना चाहिए।

नई दिल्ली, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रोहन गुप्ता ने विपक्षी दलों पर संविधान और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का अपमान करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते हैं, विपक्ष की तुष्टिकरण की राजनीति और दोहरा चरित्र देश के सामने स्पष्ट हो जाता है।

रोहन गुप्ता ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान की शपथ लेने वाले ये नेता इसका अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। जिस संविधान को ये लोग पवित्र मानते हैं, उसी का यह अपमान करते हैं। उनके पैरों के सामने बाबा साहेब की तस्वीर रखना निंदनीय है। उन्होंने बाबा साहेब का अपमान किया। यही इनकी असलियत है।

उन्होंने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर के नाम पर वोट मांगने वाले राजद नेता संसद द्वारा पारित कानूनों को कूड़ेदान में फेंकने की बात करते हैं। यह न केवल संविधान का अपमान है, बल्कि बाबा साहेब के आदर्शों का भी मखौल उड़ाना है। संवैधानिक रूप से पारित कानूनों का अपमान करना निंदनीय है।

रोहन गुप्ता ने विपक्ष पर तुष्टिकरण और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का आरोप लगाते हुए कहा, "चुनाव आते रहेंगे, लेकिन जनता आपकी नीयत को समझ चुकी है। हिंदू-मुस्लिम की राजनीति कौन कर रहा है? जो लोग तुष्टिकरण कर रहे हैं, उनसे सवाल पूछिए कि बिहार चुनाव से पहले यह सब करने की जरूरत क्यों पड़ रही है?"

उन्होंने कहा कि संवैधानिक कानूनों के खिलाफ बोलकर चुनावी रैलियों में तुष्टिकरण करना किसी भी राजनीतिक दल को शोभा नहीं देता। बिहार की जनता संविधान और बाबा साहेब के अपमान का जवाब देगी। यह अपमान न केवल संविधान का है, बल्कि बिहार की जनता की भावनाओं का भी अपमान है।

उन्होंने कहा कि भाजपा विकास और एकता की राजनीति में विश्वास रखती है, जबकि विपक्ष सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिए सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने बिहार के लोगों से तुष्टिकरण की राजनीति को नकारने और संविधान के सम्मान में एकजुट होकर मतदान करने की अपील की।

Point of View

मेरा मानना है कि राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला हमेशा चलता रहता है। लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि हम संविधान और उसके मूल्यों का सम्मान करें। रोहन गुप्ता के आरोपों पर चर्चा होनी चाहिए, ताकि जनता सही जानकारी प्राप्त कर सके।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

रोहन गुप्ता ने किस मुद्दे पर विपक्ष को आड़े हाथ लिया?
रोहन गुप्ता ने विपक्ष पर संविधान और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया है।
तुष्टिकरण की राजनीति का क्या अर्थ है?
तुष्टिकरण की राजनीति का मतलब है किसी विशेष समुदाय या समूह को खुश करने के लिए नीतियों या निर्णयों का निर्माण करना।