क्या जब रोहित और विराट एक ही टीम में होते हैं, तो आत्मविश्वास बिल्कुल अलग होता है?

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क्या जब रोहित और विराट एक ही टीम में होते हैं, तो आत्मविश्वास बिल्कुल अलग होता है?

सारांश

भारतीय बल्लेबाज तिलक वर्मा ने विराट कोहली, रोहित शर्मा और गौतम गंभीर के योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि जब ये दिग्गज एक साथ होते हैं, तो आत्मविश्वास की भावना अद्वितीय होती है। जानिए उनकी बातों का क्या मतलब है और कैसे ये खिलाड़ी टीम को आगे बढ़ाते हैं।

Key Takeaways

  • तिलक वर्मा का आत्मविश्वास सीनियर्स से प्रेरित है।
  • जब रोहित और विराट एक टीम में होते हैं, तो आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • गौतम गंभीर का मार्गदर्शन महत्वपूर्ण है।
  • वनडे और टेस्ट फॉर्मेट में तिलक की रुचि है।
  • साउथ अफ्रीका के खिलाफ आगामी मैच में प्रदर्शन की योजना।

नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेटर तिलक वर्मा ने अपनी सफलता का श्रेय विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे दिग्गज खिलाड़ियों और हेड कोच गौतम गंभीर को दिया है। उनका मानना है कि जब 'रो-को' एक ही टीम में होते हैं, तो आत्मविश्वास का स्तर पूरी तरह से अलग होता है।

भारत ने 30 नवंबर को रांची के जेएससीए इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए पहले वनडे मैच में विराट कोहली (135), रोहित शर्मा (57) और कप्तान केएल राहुल (60) की बेहतरीन पारियों के चलते 8 विकेट खोकर 349 रन बनाए। इसके जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम 49.2 ओवरों में केवल 332 रन पर सिमट गई। टीम इंडिया ने इस मुकाबले को 17 रन से जीतकर तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है।

जियोस्टार पर बातचीत करते हुए तिलक वर्मा ने लंबे फॉर्मेट के प्रति अपनी पसंद और सीनियर खिलाड़ियों के प्रभाव के बारे में कहा, "वनडे और टेस्ट मेरा प्रिय फॉर्मेट है। मैं और अधिक वनडे मैच खेलने के लिए बेहद उत्साहित हूं। जब रोहित भाई और विराट भाई एक ही टीम में होते हैं, तो आत्मविश्वास का स्तर अलग होता है। उनके पास बहुत अनुभव है। मैं अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए उनसे अधिक से अधिक सलाह लेने की कोशिश करता हूं। मैं विराट भाई से बहुत बातें करता हूं, खासकर फिटनेस और विकेट के बीच दौड़ने के संबंध में। विकेट के बीच उनकी तेज दौड़ मुझे भी प्रेरित करती है। यदि हम साथ खेलते हैं, तो उनके साथ विकेटों के बीच दौड़ना एक अद्भुत अनुभव होता है।"

हेड कोच गौतम गंभीर से मिली मार्गदर्शन के बारे में तिलक वर्मा ने कहा, "गौतम सर हमेशा मेरा आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। वह मुझे समझाते हैं कि अगर आपके पास स्किल है, तो आप सभी फॉर्मेट में खेल सकते हैं। वह प्रैक्टिस सेशन में मुझ पर दबाव डालते हैं, ताकि मैं यह सीख सकूं कि मैचों में दबाव को कैसे संभालना है। वह मुझे चुनौती देते हैं, क्योंकि उन्हें मुझमें क्षमता दिखाई देती है। उनका समर्थन मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।"

पहले वनडे मैच में तिलक वर्मा को खेलने का मौका नहीं मिला। अब दोनों टीमों के बीच बुधवार को श्रृंखला का दूसरा मुकाबला खेला जाएगा। तिलक वर्मा ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज को लेकर कहा, "मुझे जो भी मौके मिलेंगे, मैं उन्हें भुनाना चाहता हूं। मैं वनडे और टेस्ट में खुद को साबित करना चाहता हूं। मैं खुद को लंबे फॉर्मेट में अच्छा करने और एक व्यक्तिगत खिलाड़ी के रूप में विकास के लिए चुनौती दे रहा हूं।"

Point of View

तो यह न केवल खेल के लिए, बल्कि युवा खिलाड़ियों के विकास के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है। यह भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए एक आशाजनक दृष्टिकोण है।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

तिलक वर्मा ने अपनी सफलता का श्रेय किसे दिया?
तिलक वर्मा ने अपनी सफलता का श्रेय विराट कोहली, रोहित शर्मा और गौतम गंभीर को दिया।
भारत ने पहले वनडे में कितने रन बनाए?
भारत ने पहले वनडे में 349 रन बनाए।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज का अगला मैच कब है?
साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज का अगला मैच बुधवार को है।
तिलक वर्मा ने किस फॉर्मेट को पसंद किया?
तिलक वर्मा ने वनडे और टेस्ट फॉर्मेट को पसंद किया।
गौतम गंभीर का तिलक वर्मा पर क्या प्रभाव है?
गौतम गंभीर का तिलक वर्मा पर आत्मविश्वास बढ़ाने और प्रैक्टिस में दबाव डालने का सकारात्मक प्रभाव है।
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