क्या आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा ने इस्तीफा दिया? भर्ती प्रक्रिया विवाद में व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को बताया कारण

सारांश
Key Takeaways
- मंजू शर्मा ने व्यक्तिगत प्रतिष्ठा के लिए इस्तीफा दिया।
- भर्ती प्रक्रिया में विवाद ने राजनीतिक हलचल बढ़ाई।
- राज्यपाल से इस्तीफे की औपचारिकता पूरी करने की अपील की।
- आरपीएससी की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न।
- इस घटना से राजस्थान के राजनीतिक क्षेत्र में चिंता बढ़ी है।
अजमेर, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) की सदस्य डॉ. मंजू शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोमवार को राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे को अपना इस्तीफा पत्र सौंपा। इस्तीफे का कारण भर्ती प्रक्रिया से जुड़े विवाद के चलते अपनी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा और आयोग की गरिमा को प्रभावित होना बताया है।
डॉ. मंजू शर्मा, जो मशहूर कवि कुमार विश्वास की पत्नी हैं, को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में 2020 में आरपीएससी के लिए नियुक्त किया गया था। उनके इस्तीफे की खबर ने राजस्थान के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है।
मंजू शर्मा ने अपने त्यागपत्र में राज्यपाल को संबोधित करते हुए कहा, "मैंने अपना कार्यकारी और निजी जीवन पूर्ण पारदर्शिता और ईमानदारी से जिया है। हाल ही में एक भर्ती प्रक्रिया से जुड़े विवाद ने मेरी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा और आयोग की गरिमा को प्रभावित किया है। मेरे खिलाफ कोई जांच लंबित नहीं है, न ही मैं किसी प्रकरण में अभियुक्त हूं। फिर भी, सार्वजनिक जीवन में शुचिता और आयोग की निष्पक्षता को सर्वोपरि मानते हुए, मैं स्वेच्छा से अपने पद से इस्तीफा दे रही हूं।"
यह ध्यान देने योग्य है कि मंजू शर्मा का नाम 2023 में आरपीएससी की ईओ भर्ती परीक्षा में रिश्वतखोरी के आरोपों के चलते चर्चा में आया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेता गोपाल केसावत ने उनके नाम पर रिश्वत मांगी थी। हालांकि, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जुलाई 2024 में उन्हें और सहयोगी सदस्य संगीता आर्य को इस मामले में क्लीन चिट दे दी थी।
फिर भी, मंजू शर्मा ने आयोग की गरिमा और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया। उन्होंने राज्यपाल से इस्तीफे को स्वीकार करने और औपचारिकताएं पूरी करने की अपील की है। मंजू शर्मा के इस्तीफे ने एक बार फिर आरपीएससी की भर्ती प्रक्रियाओं पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।