क्या रुद्रप्रयाग में दीपावली तक आपदा पीड़ितों को राहत राशि मिलेगी?

सारांश
Key Takeaways
- आपदा राहत की प्रक्रिया में देरी चिंता का विषय है।
- प्रभावित परिवारों को समर्थन की आवश्यकता है।
- राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप स्थिति को और गंभीर बना रहे हैं।
- कांग्रेस की न्याय यात्रा का आह्वान सरकार के लिए एक चुनौती है।
- महंगाई के कारण राहत मानकों में संशोधन की आवश्यकता है।
रुद्रप्रयाग, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सोमवार को रुद्रप्रयाग में राज्य सरकार पर कड़ी आलोचना की। आपदा प्रभावित क्षेत्रों की दुखद स्थिति पर अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए रावत ने कहा कि उत्तराखंड इस वर्ष 2013 जैसी भयंकर आपदाओं से गुजर चुका है, लेकिन अब तक प्रभावित परिवारों को न तो कोई राहत मिली है और न ही मुआवजा।
रावत ने मीडिया से बातचीत के दौरान प्रश्न किया, "क्या प्रशासन भाजपा नेताओं के आगमन का इंतज़ार कर रहा है कि तब राहत वितरण किया जाएगा?" उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दीपावली तक राहत, पुनर्वास और विस्थापन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, तो कांग्रेस “न्याय यात्रा” निकालकर सड़कों पर उतर जाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा सहायता के मानक पिछले दस वर्षों से नहीं बदले हैं। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने जो मानक निर्धारित किए थे, अब उन्हें कम-से-कम ढाई गुना बढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि महंगाई बढ़ गई है।"
रावत ने बताया कि वह जल्द ही रुद्रप्रयाग जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। उनके अनुसार, अब भी कई लापता लोगों का कोई सुराग नहीं मिला है और प्रभावित परिवारों को अपने अधिकार की सहायता पाने के लिए भटकना पड़ रहा है।
पंचायती राज आयोग के मुद्दे पर रावत ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि मतदाता सूची में हेरफेर की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया, "गांवों के वास्तविक मतदाताओं को हटाकर बाहरी लोगों को जोड़ा जा रहा है, यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है।"
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर टिप्पणी करते हुए रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विस्तार न करके "समझदारी" दिखाई है, क्योंकि ऐसा करने से उन्हें नुकसान हो सकता था। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, "धामी भाजपा के डैमेज हीरो हैं, जिन्होंने राज्य को भी नुकसान पहुंचाया है।"
पेपर लीक और भर्ती घोटालों पर बोलते हुए रावत ने कहा, "राज्य में भर्ती घोटालों की स्थिति अब आईपीएल लीग जैसी हो गई है।" वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के संभावित बदलाव पर उन्होंने कहा कि इसका निर्णय पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा।