क्या एस जयशंकर ने विश्व वार्षिक सम्मेलन 2025 में मोबिलिटी और पासपोर्ट सेवा पर भारत का रुख बताया?
सारांश
Key Takeaways
- मोबिलिटी वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- भारत में रेमिटेंस 135 बिलियन डॉलर है।
- पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के स्थान 468 हो गए हैं।
- डिजिटल शासन ने पासपोर्ट प्रक्रिया को सरल बना दिया है।
- वैध आवाजाही से सकारात्मक प्रभाव होते हैं।
नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नई दिल्ली में आयोजित विश्व वार्षिक सम्मेलन 2025 में भाग लिया। इस सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार के सहयोग से हुआ, जिसकी थीम 'द मोबिलिटी इम्पेरेटिव' थी। इस अवसर पर उन्होंने डिजिटल शासन, भारत में पासपोर्ट सेवा, और प्रवासियों की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "जब हम बाहरी दुनिया से जुड़ते हैं, तो आर्थिक संबंधों की चर्चा होती है, लेकिन हम अक्सर काम करने वाली आवाजाही को नजरअंदाज कर देते हैं। पिछले वर्ष, भारत में रेमिटेंस 135 बिलियन डॉलर था, जो अमेरिका को हमारे निर्यात का लगभग दोगुना है।"
रेमिटेंस उस धन को कहते हैं जो कोई व्यक्ति विदेश में काम करके अपने परिवार को भेजता है।
उन्होंने आगे कहा, "यह केवल रेमिटेंस की बात नहीं है। विदेश में रहने वाले लोगों के लिए उनकी रोजी-रोटी, वहां की संपत्ति, और भारत में उपलब्ध सेवाएं इन सबके परिणाम हैं। यह स्पष्ट है कि मोबिलिटी का व्यापार रेमिटेंस से कई गुना बड़ा है।"
विदेश मंत्री ने कहा कि जब आवाजाही वैध और औपचारिक होती है, तो इसके सकारात्मक परिणाम होते हैं, लेकिन इसका नकारात्मक पहलू भी है। तस्करी जैसे बुरे व्यापार इस स्थिति का परिणाम हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, "मोबिलिटी के कई पहलू हैं। एक है जनसंख्या। कुछ स्थानों पर डिमांड है, लेकिन वहां लोग कम हैं।कॉम्पिटिशन और टैलेंट भी इस पर प्रभाव डालते हैं।"
पासपोर्ट सेवा के बारे में बात करते हुए, विदेश मंत्री ने कहा, "10 साल पहले, भारत में पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के लिए केवल 77 स्थान थे। आज, हमने 468 और स्थान जोड़े हैं। अब कोई भी नागरिक कुछ घंटों की दूरी पर जाकर पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकता है।"
उन्होंने कहा, "10 साल पहले पासपोर्ट बनवाना बहुत कठिन था, लेकिन अब यह एक आसान प्रक्रिया बन गई है।"
विदेश मंत्री ने कहा कि आज की रफ्तार ने हमारे पासपोर्ट कार्यक्रम को डिजिटल गवर्नेंस का आदर्श उदाहरण बना दिया है।
उन्होंने बताया कि पहले पासपोर्ट खोने पर उसे विदेश में बदलवाना मुश्किल होता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया आसान हो गई है। आज आप कहीं से भी पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं।