क्या सचिन पायलट ने टोंक दौरे में सरकार पर हमला किया?

सारांश
Key Takeaways
- सचिन पायलट ने टोंक दौरे में बीजेपी पर हमला किया।
- वोट चोरी का आरोप लगाया गया।
- हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ किया गया।
- राजनीतिक असंतोष की बढ़ती भावना को उजागर किया।
- आपदा प्रबंधन पर सरकार को लापरवाही का आरोप।
टोंक, १५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान कांग्रेस के नेता एवं टोंक विधायक सचिन पायलट ने सोमवार को अपने विधानसभा क्षेत्र टोंक का दौरा किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने उनका भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर पायलट ने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला किया और वोट चोरी का आरोप लगाया।
सचिन पायलट ने टोंक में डीसीसी कार्यालय में सैकड़ों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में बैठक को संबोधित करते हुए हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की। यह अभियान चुनाव सुधार और वोटर अधिकारों के लिए चलाया जा रहा है, जो 'वोटर अधिकार यात्रा' का हिस्सा है।
सचिन पायलट ने पत्रकारों से बात करते हुए बीजेपी पर वोट चोरी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने वोट चोरी के प्रमाण प्रस्तुत किए, लेकिन चुनाव आयोग ने जांच बैठाने के बजाय एफिडेविट मांगा। बिहार चुनाव में तो वोटर लिस्ट भी उपलब्ध नहीं कराई गई।"
उन्होंने दावा किया, "१० साल से एक ही शासन चल रहा है, डबल इंजन सरकार फेल हो चुकी है और लोगों में गहरा असंतोष व्याप्त है। बीजेपी की पोल खुल रही है, चाहे राहत कैंप हो, मुआवजे की बात हो, बिजली बिल हो या आपदा प्रबंधन। पिछले डेढ़-दो साल में जितने काम हुए, वे सभी कांग्रेस की योजनाएं थीं, बस नाम बदल दिए गए। सरकार में हिम्मत नहीं कि नरेगा जैसी योजना बंद कर दे।"
झालावाड़ में बाढ़ प्रभावितों को बकरी देने के विवाद पर पायलट ने तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, "मासूम बच्चों की जान जा रही है, कोई जिम्मेदार तो होगा। कर्मचारी-अधिकारी कोई न कोई तो होगा। सरकार को नुकसान के आधार पर पीड़ित परिवारों की आर्थिक भरपाई करनी चाहिए। बकरी देकर मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।" उन्होंने आपदा प्रबंधन में सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया।
नरेश मीणा के आंदोलन पर पायलट ने समर्थन जताते हुए कहा, "जहां-जहां जनता पर अन्याय होगा, हम जनता के लिए एकजुट होकर लड़ेंगे।" विधानसभा में अतिरिक्त कैमरे लगाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, "यह गहन जांच का विषय है। सरकार विपक्ष की जासूसी कर रही है, जो लोकतंत्र का पूर्ण हनन है।"