क्या सचिन तेंदुलकर ने श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में दिलचस्प किस्सा सुनाया?

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क्या सचिन तेंदुलकर ने श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में दिलचस्प किस्सा सुनाया?

सारांश

सचिन तेंदुलकर ने श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में अपनी यादें साझा कीं, जिसमें उन्होंने बाबा के अद्भुत ज्ञान का जिक्र किया। उन्होंने विश्व कप 2011 से जुड़ी एक महत्वपूर्ण घटना भी बताई, जो उनके जीवन को प्रभावित करती है।

Key Takeaways

  • सचिन तेंदुलकर का अनुभव बाबा के प्रति गहरा आदर दर्शाता है।
  • विश्व कप 2011 से पहले बाबा ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • बाबा के ज्ञान का अनुभव सचिन के लिए अद्भुत था।

पुट्टपर्थी, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने बुधवार को आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लिया, जहां उन्होंने बाबा से जुड़ी अपनी यादों को साझा किया। तेंदुलकर ने कहा कि बाबा अक्सर उनकी मानसिक स्थिति को जान लेते थे, जो उनके लिए एक अद्भुत अनुभव था। इस अवसर पर उन्होंने विश्व कप 2011 से संबंधित एक रोचक किस्सा भी सुनाया।

समारोह में सचिन तेंदुलकर ने कहा, "इस स्थान ने हमें, लाखों लोगों को बहुत सुकून, उद्देश्य और दिशा दी है। जब मैं यहाँ खड़ा होता हूँ, तो मुझे याद आता है कि बाबा ने हमारे जीवन में कितनी मदद की और हमें बेहतर इंसान बनाया।"

उन्होंने बताया कि बचपन में उनका हेयरस्टाइल श्री सत्य साईं बाबा के समान था। उन्होंने कहा, "मुझे याद है, जब मैं केवल 5 साल का था, तो लोग मुझे 'वो छोटा बच्चा है, जिसके बाल सत्य साईं बाबा की तरह हैं' कहकर बुलाते थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि मैंने 5 साल की उम्र तक अपने बाल नहीं कटवाए थे।"

उन्होंने आगे कहा, "बाबा में यह अद्भुत क्षमता थी कि वे आपके मन में रह सकते थे, चाहे आप कहीं भी हों। मेरे मन में कई सवाल थे, और बिना पूछे ही, बाबा ने उन सवालों के जवाब दे दिए। यह मेरे लिए एक अविश्वसनीय अनुभव था, क्योंकि मैं सोच रहा था कि उन्हें कैसे पता चला कि मेरे मन में क्या चल रहा था।"

सचिन तेंदुलकर ने विश्व कप 2011 से पहले श्री सत्य साईं बाबा की मदद से अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने की बात की। उन्होंने कहा, "2011 से पहले मैंने कई विश्व कप खेले थे और मुझे पता था कि यह मेरा आखिरी विश्व कप हो सकता है। बेंगलुरु में एक कैंप के दौरान मुझे एक फोन कॉल आई कि बाबा ने मेरे लिए एक किताब भेजी है। यह सुनकर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई। मैं जानता था कि यह विश्व कप हमारे लिए विशेष होगा।"

Point of View

बल्कि यह हमें प्रेरित करती है कि हम अपने जीवन में सकारात्मकता को कैसे समाहित कर सकते हैं।
NationPress
19/11/2025

Frequently Asked Questions

सचिन तेंदुलकर ने बाबा से पहली बार कब मुलाकात की?
सचिन तेंदुलकर ने पहली बार 90 के दशक के मध्य में व्हाइटफील्ड में बाबा से मुलाकात की।
क्या सचिन ने बाबा के बारे में कोई खास याद साझा की?
सचिन ने बताया कि बाबा उनके मन की बात को जान लेते थे और उनका आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद की।
सचिन का अनुभव विश्व कप 2011 से कैसे जुड़ता है?
विश्व कप 2011 से पहले बाबा ने सचिन के लिए एक किताब भेजी, जिसने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया।
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