क्या यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 में संभल की लकड़ी पर स्टोन क्राफ्ट ने बनाई पहचान?

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क्या यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 में संभल की लकड़ी पर स्टोन क्राफ्ट ने बनाई पहचान?

सारांश

संभल की लकड़ी पर स्टोन क्राफ्ट ने यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 में अपनी पहचान बनाई है। अब यह कला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हो गई है। जानें, यह कला कैसे 10 देशों में मांग बढ़ा रही है।

Key Takeaways

  • संभल की लकड़ी पर स्टोन क्राफ्ट ने अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है।
  • इसकी मांग 10 देशों में बढ़ी है।
  • यह कला जीआई टैग प्राप्त कर चुकी है।
  • कला को जीवित रखने में विकास जैसे कलाकारों का योगदान है।
  • कई कारीगर मिलकर नई कलाकृतियां तैयार कर रहे हैं।

ग्रेटर नोएडा, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के संभल जिले की गलियों से निकली लकड़ी पर स्टोन क्राफ्ट की अद्वितीय कला ने अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना ली है।

आम और शीशम की मजबूत लकड़ियों पर प्राकृतिक पत्थरों और रंगों से सजाकर बनाई जाने वाली यह कला अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि ओमान, दुबई, यूरोप और अमेरिका सहित 10 देशों में इसकी मांग बढ़ रही है। संभल के कारीगर लकड़ी को इस प्रकार तराशते और सजाते हैं कि देखने वालों को लगता है मानो पत्थर को ही नक्काशी कर सजाया गया हो।

वास्तव में, यह काम बेहद बारीकी से किया जाता है और एक डिजाइन तैयार करने में लगभग 15 दिन का समय लगता है। छोटी कलाकृतियां हालांकि 1 से 2 दिन में बन जाती हैं। खास बात यह है कि इन कलाकृतियों को जीआई टैग भी मिल चुका है, जिससे इस पारंपरिक कला की प्रामाणिकता और गौरव और बढ़ गया है।

इस कला को संभल में जीवित रखने का श्रेय विकास जैसे कलाकारों को जाता है। विकास बताते हैं कि दो साल पहले उन्होंने यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में पहली बार भाग लिया था। उस समय उनके साथ सिर्फ 2 लोग काम करते थे और उनका कारोबार मात्र 2 देशों तक सीमित था। लेकिन आज 28 से अधिक लोग इस कला से जुड़े हैं और उनके साथ मिलकर डिजाइनों की नई-नई कलाकृतियां तैयार कर रहे हैं। वर्तमान समय में उनका उत्पाद 10 देशों तक निर्यात हो रहा है और उन्हें ढेरों ऑर्डर मिल रहे हैं।

विकास ने कहा कि पहले ट्रेड शो में उनका स्टॉल महज 9 मीटर का था और 20 ग्राहक जुड़े थे, लेकिन अब उनका स्टॉल 36 मीटर का हो गया है और करीब 150 ग्राहक उनसे जुड़े हैं। उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि इस मंच ने न केवल उनके हुनर को पहचान दी बल्कि संभल की इस अद्वितीय कला को भी विश्व पटल पर स्थापित कर दिया। आज जब पूरी दुनिया कैनवास और पेंटिंग में कला तलाश रही है, तब संभल के कारीगर लकड़ी और स्टोन पर अपनी रचनात्मकता से इतिहास रच रहे हैं।

यह कला न सिर्फ खूबसूरती का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि मेहनत, धैर्य और परंपरा का संगम भी है। संभल का लकड़ी पर स्टोन क्राफ्ट अब सचमुच दुनिया की नज़रों में है और कारीगरों की मेहनत को अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल रहा है।

Point of View

बल्कि वैश्विक बाजार में भी अपनी जगह बना चुकी है।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

संभल की लकड़ी पर स्टोन क्राफ्ट क्या है?
यह कला आम और शीशम की लकड़ियों पर प्राकृतिक पत्थरों और रंगों से सजाकर बनाई जाती है।
संभल का यह स्टोन क्राफ्ट किस तरह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा है?
इसकी मांग ओमान, दुबई, यूरोप और अमेरिका समेत 10 देशों में बढ़ गई है।
क्या इस कला को जीआई टैग मिला है?
हाँ, इस कला को जीआई टैग मिल चुका है, जिससे इसकी प्रामाणिकता बढ़ी है।
इस कला को जीवित रखने का श्रेय किसे जाता है?
इस कला को विकास जैसे कलाकारों को श्रेय जाता है।
संभल की इस कला में कितने कारीगर जुड़े हैं?
वर्तमान में 28 से अधिक कारीगर इस कला से जुड़े हैं।