क्या संभल में जामा मस्जिद के पास कब्रिस्तान के सर्वे से दुकानदार चिंतित हैं?
सारांश
Key Takeaways
- संभल में कब्रिस्तान का सर्वे लोगों की भूमि अधिकारों की रक्षा के लिए किया गया है।
- दुकानदारों के पास सभी कागजात होने का दावा है।
- प्रशासन ने सर्वे की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का आश्वासन दिया है।
- कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।
- यह सर्वे स्थानीय समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है।
संभल, ३० दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के निकट स्थित आठ बीघा कब्रिस्तान की नाप-जोख मंगलवार को की गई है, जिसमें लोगों के द्वारा ज़मीन पर कब्जा करने के आरोप उठाए गए हैं। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि हमारे पास सभी कागजात मौजूद हैं और हमने कोई गलत कार्य नहीं किया है.
सर्वे के विषय में दुकानदार ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "हम सही हैं, हमारे पास नक्शे हैं, कोई परेशानी नहीं है।" उन्होंने यह भी बताया कि आवश्यकता पड़ने पर वे कागजात दिखा सकते हैं। यह सर्वे एक सकारात्मक कदम है और यह सरकारी आदेश के तहत हो रहा है। "हम प्रशासन को पूरा समर्थन देते हैं," उन्होंने कहा।
एक अन्य दुकानदार ने कहा, "हमें इस सर्वे के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।" उन्होंने प्रशासन की ओर से आए सर्वे के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन यह कहा कि हमारे पास सभी दस्तावेज हैं, और हमें कोई परेशानी नहीं होगी।
दुकानदार सरफराज खान ने बताया कि उन्होंने यहाँ जून 2000 से किराए पर दुकान ली है और वे इसे प्रशासन के निर्देशानुसार देंगे। "यहाँ के सभी व्यापारी समर्थन कर रहे हैं," उन्होंने कहा।
एक अन्य दुकानदार ने कहा कि उन्होंने कई साल पहले यह जमीन खरीदी थी और उनके पास सभी कागजात हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यहाँ कई घर हैं।
दूसरी ओर, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए, शहर की हर मुख्य सड़क और चौराहे पर आरपीएफ और पीएसी के जवानों को तैनात किया गया है। यह क्षेत्र प्रभावी रूप से छावनी में परिवर्तित हो गया है। 500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात हैं, जिनमें आठ पुलिस स्टेशनों के बल शामिल हैं। इसके अलावा, पीएसी की तीन कंपनियाँ और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की एक कंपनी पूरे क्षेत्र पर नज़र रख रही है।
प्रशासन ने पूरे क्षेत्र को कड़ी निगरानी में रखा है और लोगों की आवाजाही पर नज़र रखी जा रही है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि नाप-जोख की प्रक्रिया शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होगी।