क्या मेरा इरादा सही था, लेकिन तरीका गलत था? विधायक संजय गायकवाड़ ने कैंटीन में मारपीट पर कहा

सारांश
Key Takeaways
- संजय गायकवाड़ की कार्रवाई ने होटल मालिकों को सफाई की दिशा में प्रेरित किया।
- खराब खाने की समस्या पर गायकवाड़ का गुस्सा समझा जा सकता है।
- सरकार से सख्त नियमों की मांग की गई है।
मुंबई, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने मुंबई के एक कैंटीन में खराब खाना मिलने पर एक कर्मचारी को थप्पड़ मार दिया था, जिस पर अब उन्होंने अपनी सफाई पेश की है। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि उनका इरादा सही था, लेकिन तरीका गलत था।
गायकवाड़ ने बताया कि पिछले कई सालों से इस होटल में गंदगी और खराब खाने की शिकायतें आई थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे होटल मालिकों का हौसला बढ़ गया था।
उन्होंने कहा, “मैं बाहर का खाना नहीं खाता, लेकिन इस होटल में खाने के बाद मुझे स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हुई। खाना खराब था, जिससे मेरा गुस्सा भड़क गया। मेरी प्रतिक्रिया गलत थी, लेकिन मकसद सही था।”
गायकवाड़ ने दावा किया कि उनकी कार्रवाई के बाद 95 फीसदी लोग इसे सही मान रहे हैं। उनकी इस पहल के चलते महाराष्ट्र भर के होटल मालिकों ने अपने प्रतिष्ठानों की सफाई शुरू कर दी है।
उन्होंने सरकार से मांग की कि होटल में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बीमा, पहचान पत्र और हर तीन महीने में मेडिकल जांच अनिवार्य हो। साथ ही, होटलों में साफ-सफाई और खाने की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम लागू किए जाएं।
गायकवाड़ ने कहा, “कोई इस मुद्दे पर आगे नहीं आ रहा था। मैंने बिल्ली के गले में घंटी बांधने का काम किया।” दरअसल, संजय गायकवाड़ का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे मुंबई में एक कैंटीन कर्मचारी को थप्पड़ मारते हुए दिखाई दिए।
गायकवाड़ ने गुरुवार को मुंबई में होने वाले सिंदूर ब्रिज के उद्घाटन की बात भी की। उन्होंने कहा कि यह ब्रिज ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समर्पित है। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने आतंकवादियों को चुन-चुनकर मारा था।
उन्होंने बताया, “पाकिस्तान ने हमारी महिलाओं का सिंदूर छीन लिया था। उसी का बदला ऑपरेशन सिंदूर था। इस घटना की याद में मुख्यमंत्री ने इस ब्रिज का नाम सिंदूर रखा है।” सिंदूर ब्रिज दक्षिण मुंबई में मस्जिद बंदर के पास बनाया गया है, जो पूर्व और पश्चिम मुंबई को जोड़ेगा। गायकवाड़ ने इस ब्रिज को मुंबई की प्रगति और ऐतिहासिक गौरव का प्रतीक बताया।