क्या संजय गायकवाड़ को छत्रपति शिवाजी पर गलत टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए?

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क्या संजय गायकवाड़ को छत्रपति शिवाजी पर गलत टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए?

सारांश

महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद के बीच, शिवसेना (यूबीटी) की प्रवक्ता जयश्री शेल्के ने विधायक संजय गायकवाड़ पर छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति अनुचित टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। क्या गायकवाड़ को माफी मांगनी चाहिए? जानिए इस विवाद के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • भाषा विवाद महाराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
  • संजय गायकवाड़ पर छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति अनुचित टिप्पणियां करने का आरोप है।
  • जयश्री शेल्के ने माफी मांगने की मांग की है।
  • राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की रैली ने विवाद को और बढ़ा दिया है।
  • यह विवाद सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान पर भी असर डाल सकता है।

बुलढाणा, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में भाषा विवाद पर राजनीति तेज हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के प्रमुख नेताओं तथा उद्धव और राज ठाकरे की संयुक्त रैली ने राजनीतिक प्रतिक्रियाओं को बढ़ावा दिया है। इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) की प्रवक्ता जयश्री शेल्के ने शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ पर छत्रपति शिवाजी महाराज पर अनुचित टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की अपील की है।

जयश्री शेल्के ने संजय गायकवाड़ पर आरोप लगाया कि उन्होंने छत्रपति संभाजी राजे और शिवाजी के बारे में भी अपशब्दों का प्रयोग किया। शेल्के ने विधायक की तीव्र आलोचना करते हुए उनसे सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, "दिल्ली को खुश करने की कोशिश में कोई कितनी लाचारी बरत सकता है, क्या इसकी कोई सीमा होती है? लेकिन कुछ शिंदे समूह के नेता और विधायक इन सभी सीमाओं को पार करने की कोशिश कर रहे हैं। शनिवार को एक विधायक ने जो बयान दिया है, उसमें इस विधायक ने छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति संभाजी महाराज, राष्ट्र माता जिजाऊ मां साहेब, महारानी येसूबाई, महारानी तारा रानी का अपमान किया है।"

उन्होंने कहा, "विधायक को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और जिनकी शिवसेना नकली है, जिनके गले में बाघ का दांत नकली है, ऐसे नकली लोगों से हम महाराष्ट्र के लिए सच्चे प्यार और मराठी के लिए सच्चे प्यार की उम्मीद नहीं कर सकते।"

इससे पहले, संजय गायकवाड़ ने भाषा विवाद पर मनसे और शिवसेना (यूबीटी) पर नफरत की राजनीति का आरोप लगाते हुए राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की संयुक्त रैली की आलोचना की थी। इस क्रम में उन्होंने कहा था, "यह सिर्फ हिंदी का मामला नहीं है। क्या आप दूसरे राज्य में जाकर हिंदी नहीं बोलेंगे? अगर आपको दुनिया में जिंदा रहना है तो आपको सभी भाषाएं आनी चाहिए। छत्रपति संभाजी महाराज ने 16 भाषाएं सीखी थीं, क्या वे मूर्ख थे? छत्रपति शिवाजी महाराज बहुभाषी थे। तारा रानी, येसूबाई, जीजाऊ ने कई भाषाएं सीखीं। क्या वे सभी लोग मूर्ख थे?"

Point of View

न कि राजनीतिक लाभ के लिए स्थिति को भड़काने से।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

संजय गायकवाड़ ने किस विवाद पर टिप्पणी की?
संजय गायकवाड़ ने भाषा विवाद पर टिप्पणी की है, जिसमें उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में अनुचित बातें कहीं।
जयश्री शेल्के ने गायकवाड़ से क्या मांगा?
जयश्री शेल्के ने संजय गायकवाड़ से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की अपील की है।
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की रैली का क्या महत्व है?
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की रैली ने महाराष्ट्र में राजनीतिक प्रतिक्रियाओं को तेज किया है, जिससे विवाद और बढ़ गया है।
भाषा विवाद का सामाजिक प्रभाव क्या है?
भाषा विवाद का सामाजिक प्रभाव लोगों की पहचान और सांस्कृतिक मूल्यों पर पड़ता है, जो राजनीति के माध्यम से और गहरा हो सकता है।
क्या इस विवाद से राजनीतिक स्थिति पर असर पड़ेगा?
हाँ, ऐसे विवाद अक्सर राजनीतिक स्थिति को प्रभावित करते हैं और चुनावी माहौल को भी प्रभावित कर सकते हैं।