क्या राहुल गांधी और तेजस्वी यादव चुनाव आयोग को बदनाम कर रहे हैं? : संजय जायसवाल

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क्या राहुल गांधी और तेजस्वी यादव चुनाव आयोग को बदनाम कर रहे हैं? : संजय जायसवाल

सारांश

बिहार में मतदाता सूची विवाद के बीच बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर हमला बोला, आरोप लगाया कि वे चुनाव आयोग को बदनाम कर रहे हैं। जानिए इस मामले में क्या है सच्चाई और क्यों यह लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है।

Key Takeaways

  • संजय जायसवाल का आरोप है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव चुनाव आयोग को बदनाम कर रहे हैं।
  • तेजस्वी यादव के पास दो वोटर आईडी कार्ड होने का दावा।
  • मतदाता सूची की जांच पारदर्शी प्रक्रिया के तहत हो रही है।
  • विपक्ष के पास चुनावी मुद्दों की कमी है।
  • फर्जी वोटर आईडी कार्ड के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत।

पटना, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता सूची को लेकर चल रहे विवाद के बीच बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर कड़ा प्रहार किया। समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि ये दोनों नेता चुनाव आयोग को बदनाम करने और जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि लोकतंत्र के साथ एक बड़ा मजाक है।

संजय जायसवाल ने कहा कि तेजस्वी यादव ने खुद स्वीकार किया है कि उनके पास दो वोटर आईडी कार्ड हैं। उन्होंने सांसद पप्पू यादव का उदाहरण भी दिया, जिनके पास भी दो वोटर आईडी होने की बात सामने आई है। आरजेडी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे फर्जी वोटर आईडी बनाना बंद करें और मौजूदा फर्जी कार्ड सरेंडर करें। तेजस्वी जैसे नेता तो बच जाएंगे, लेकिन कार्यकर्ताओं को भविष्य में नुकसान उठाना पड़ सकता है। भारत में हर नागरिक को सिर्फ एक वोट का अधिकार है और लोकतंत्र में फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की प्रस्तावित 'मतदाता अधिकार यात्रा' पर तंज कसते हुए कहा कि दोनों नेता बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में हार के भय से जनता को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, इसलिए वे संविधानिक संस्था जैसे चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं। वही चुनाव आयोग, जिसके कारण राहुल और तेजस्वी आज सांसद और विधायक बने हैं, उस पर उंगली उठाना उनकी कमजोरी दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत मतदाता सूची की जांच एक पारदर्शी प्रक्रिया है। डेढ़ लाख बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) मौजूद हैं और किसी भी दल ने कोई आपत्ति नहीं दर्ज की है।

वहीं, जायसवाल ने तेजस्वी के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उनका नाम मतदाता सूची में मौजूद है और उनकी गलती के कारण ही यह विवाद खड़ा हुआ। अगर कोई दो जगह वोटर लिस्ट में दर्ज है या मृत व्यक्ति का नाम है, तो उसे हटाना गलत नहीं है।

जायसवाल ने तेजस्वी के शासनकाल पर भी सवाल उठाए और कहा कि जब तेजस्वी ग्रामीण विकास, नगर विकास और स्वास्थ्य मंत्री थे, तब कोई सड़क नहीं बनी और सारे काम ठप हो गए थे। तेजस्वी और उनकी पार्टी का 'विजन' केवल कमीशन और घोटालों तक सीमित है।

राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए जायसवाल ने कहा कि वे विदेशी बयानों पर ज्यादा भरोसा करते हैं और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात को नजरअंदाज करते हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि राहुल गांधी का चीन द्वारा भारतीय जमीन पर कब्जे का दावा बेबुनियाद है। विपक्ष को सदन में सरकार के खिलाफ चर्चा करनी चाहिए, न कि चुनाव आयोग को निशाना बनाना चाहिए। बिहार की जनता को सरकार के काम पर कोई संशय नहीं है और विपक्ष केवल अपनी हार को छिपाने के लिए हंगामा कर रहा है।

Point of View

लेकिन यह जरूरी है कि सभी दल चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा का सम्मान करें। लोकतंत्र की मजबूती के लिए सभी को अपने आरोपों को सतर्कता से रखना चाहिए।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या तेजस्वी यादव के पास वास्तव में दो वोटर आईडी हैं?
संजय जायसवाल के अनुसार, तेजस्वी यादव ने खुद स्वीकार किया है कि उनके पास दो वोटर आईडी कार्ड हैं।
चुनाव आयोग की भूमिका क्या है?
चुनाव आयोग का कार्य निष्पक्ष चुनाव कराना और मतदाता सूची की पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
क्या यह विवाद राजनीतिक मंशा से प्रेरित है?
हां, यह विवाद आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए राजनीतिक मंशा से प्रेरित प्रतीत होता है।
क्या बिहार में मतदाता सूची की जांच पारदर्शी है?
संजय जायसवाल के अनुसार, बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत मतदाता सूची की जांच एक पारदर्शी प्रक्रिया है।
क्या विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है?
संजय जायसवाल का कहना है कि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, इसलिए वे चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं।