क्या संजय निरुपम ने कांग्रेस पर फर्जी मतदाता का आरोप लगाया?

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क्या संजय निरुपम ने कांग्रेस पर फर्जी मतदाता का आरोप लगाया?

सारांश

संजय निरुपम ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि फर्जी मतदाता का मुद्दा हार छिपाने का एक बहाना है। उन्होंने राहुल गांधी के आंकड़ों में सुधार का भी जिक्र किया। इस लेख में जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।

Key Takeaways

  • संजय निरुपम ने कांग्रेस पर फर्जी मतदाता का आरोप लगाया।
  • राहुल गांधी के आंकड़े में सुधार की बात की गई।
  • निरुपम ने कहा कि यह हार छिपाने का एक बहाना है।
  • मतदाता सूची में कुछ त्रुटियां हो सकती हैं।
  • बिहार में एसआईआर योजना का उद्देश्य सुधार करना है।

मुंबई, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अखिल भारतीय एसआईआर विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया में शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रमुख नेता और प्रवक्ता संजय निरुपम ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि फर्जी मतदाता का मुद्दा केवल हार को छिपाने का एक बहाना है।

उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने मतदाता सूची के बारे में एक झूठा नैरेटिव गढ़ा था और अब उनके अपने दावे गलत साबित हो चुके हैं। निरुपम ने कहा कि कुछ महीने पहले कांग्रेस ने प्रचार करना शुरू किया कि मतदाता सूचियों में अनियमितताएं हैं और बड़े पैमाने पर फर्जी मतदाता जोड़े गए हैं।

इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने खुद एक पावरपॉइंट प्रजेंटेशन दिया था, लेकिन बाद में जिन मतदाताओं को फर्जी बताया गया था, वे खुद सामने आकर सच्चाई बयान कर चुके हैं, जिससे कांग्रेस के झूठ का पर्दाफाश हो गया।

संजय निरुपम ने कहा कि राहुल गांधी ने दावा किया था कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच करीब 72 लाख वोट बढ़े हैं। बाद में उन्होंने अपने आंकड़ों में खुद ही सुधार किया और कहा कि 50 से 55 लाख वोट बढ़े हैं। कुछ समय बाद यह संख्या घटते-घटते 40 से 42 लाख तक पहुंच गई।

उन्होंने तंज करते हुए कहा कि राहुल गांधी को खुद ही नहीं पता कि आखिर कितने लाख वोट बढ़े हैं। कांग्रेस चुनावी हार से बुरी तरह हताश है और इसी कारण उसने 'फर्जी मतदाता' का मुद्दा उछालकर एक झूठा नैरेटिव तैयार किया, ताकि अपनी असफलता से ध्यान भटकाया जा सके।

शिवसेना नेता ने यह भी कहा कि कांग्रेस द्वारा फैलाए गए इसी भ्रम का असर अब अन्य विपक्षी दलों पर भी दिख रहा है। उन्होंने उदाहरण दिया कि हाल ही में शिवसेना (यूबीटी गुट) के नेता आदित्य ठाकरे ने भी राहुल गांधी की तर्ज पर एक प्रजेंटेशन दिया और दावा किया कि उनके वर्ली विधानसभा क्षेत्र में 11 हजार फर्जी वोटर जोड़े गए हैं।

निरुपम ने इस दावे को निराधार बताते हुए कहा कि मुंबई जैसे शहरों में हजारों कामगार कारखानों और रेस्टोरेंट में काम करते हैं और वही अपना नाम वहीं के पते पर दर्ज कराते हैं। ऐसे लोग अक्सर अस्थायी रूप से रहते हैं, इसलिए मतदाता सूची में परिवर्तन होते रहते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सभी लोग फर्जी हैं या सभी वोट डालते हैं।

उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि मतदाता सूची में जो भी खामियां हैं, उसके पीछे किसी राजनीतिक दल का षड्यंत्र है या चुनाव आयोग किसी विशेष दल के इशारे पर काम कर रहा है।

निरुपम ने कहा कि मैं यह नहीं कहता कि मतदाता सूची एकदम पवित्र है। इसमें कुछ त्रुटियां हैं जिन्हें ठीक करने की जरूरत है, लेकिन यह सोचना गलत है कि पूरी प्रणाली किसी साजिश के तहत काम कर रही है। यह मशीन या मानव त्रुटि हो सकती है और ऐसी गलतियों की पहचान कर उन्हें सुधारने का अभियान चलाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बिहार में एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिविजन) योजना इसी उद्देश्य से लागू की गई थी, ताकि मतदाता सूचियों में मौजूद त्रुटियों को सुधारा जा सके।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए निष्पक्षता से इस मुद्दे पर चर्चा करें। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप अक्सर चुनावी रणनीतियों का हिस्सा होते हैं, और हमें सतर्क रहकर तथ्यों का आकलन करना चाहिए।
NationPress
29/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या संजय निरुपम का आरोप सच है?
संजय निरुपम का आरोप है कि कांग्रेस ने फर्जी मतदाता का मुद्दा हार छिपाने के लिए उठाया है। यह एक राजनीतिक बयान है जो चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
क्या राहुल गांधी के आंकड़े सही थे?
राहुल गांधी ने चुनावी वोटों में वृद्धि के आंकड़े दिए थे, लेकिन बाद में उन्हें सुधारने की जरूरत पड़ी।