क्या ‘छांगुर बाबा’ पिछली सरकारों की नाकामी का नतीजा है? : संजय निषाद

सारांश
Key Takeaways
- छांगुर बाबा की स्थिति पिछली सरकारों की नाकामी का परिणाम है।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई आवश्यक है।
- किसी भी भाषा के आधार पर अभद्र टिप्पणी उचित नहीं है।
लखनऊ, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संजय निषाद ने ‘छांगुर बाबा’ को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार में एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने इसे पूर्व सरकारों की नाकामी का परिणाम बताया।
उन्होंने शनिवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि पिछली सरकारों की कमियों के कारण ही ‘छांगुर बाबा’ की स्थिति इतनी गंभीर हुई थी। अब इसे पकड़ लिया गया है और हम छांगुर बाबा के खिलाफ ऐसी कारवाइयाँ चाहते हैं कि भविष्य में कोई और ऐसा न हो। इस मामले में शामिल सभी व्यक्तियों पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
संजय निषाद ने कहा कि किसी भी भाषा के आधार पर अभद्र टिप्पणी उचित नहीं है। आज हर कोई मानता है कि भारत में सभी भाषाएँ हैं और यह एकता का प्रतीक है। इसलिए भाषा विवाद पर बेवजह की टिप्पणियाँ नहीं होनी चाहिए।
कांवड़ यात्रा पर कांग्रेस नेता उदित राज के बयान पर उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के कारण कांवड़ियों पर कार्रवाई हुई है, लेकिन ऐसे मामलों में इतनी भारी सजा नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक चल रहा है, और वह हाल ही में देहरादून में थे, जहाँ कांवड़ यात्रा के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएँ की गई हैं। सड़क के एक किनारे आम लोग हैं, जबकि दूसरे किनारे पर कांवड़ यात्रा। किसी प्रकार की परेशानी नहीं है। कुछ सिरफिरे लोग हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
राहुल गांधी द्वारा संघ और कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) पर दिए गए बयान पर संजय निषाद ने कहा कि लोग जानते हैं कि कांग्रेस ने लंबे समय तक सत्ता में रहकर जनता के अनुरूप काम नहीं किया था। यही कारण है कि जनता ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि अपराध पर नियंत्रण होना आवश्यक है।