क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तेजस्वी की हर बात को कॉपी करते हैं? : राजद सांसद संजय यादव

सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कुमार का 50 लाख नौकरी का दावा विवादास्पद है।
- संजय यादव ने पारदर्शिता की मांग की है।
- 'वोटर अधिकार यात्रा' का आयोजन किया जा रहा है।
- बिहार में विकास की स्थिति चिंताजनक है।
- संजय यादव ने भाजपा पर भी निशाना साधा है।
पटना, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सांसद संजय यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है जिसमें सीएम ने कहा था कि 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। यादव ने नीतीश कुमार से जिला स्तर पर नौकरी पाने वालों की सूची जारी करने की मांग की है, ताकि इस दावे की पारदर्शिता साबित हो सके।
राजद सांसद ने तंज करते हुए कहा कि यदि नीतीश सरकार का दावा सही है, तो सूची जारी करने पर 'दूध का दूध और पानी का पानी' हो जाएगा।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने नीतीश कुमार के 50 लाख नौकरियों देने के दावे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि नीतीश कुमार को जिलावार नौकरी का आंकड़ा पेश करना चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने नीतीश कुमार को नकलची करार देते हुए आरोप लगाया कि वह तेजस्वी यादव की योजनाओं और विचारों की नकल करते हैं।
संजय यादव ने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव ने नौकरी के मुद्दे को उठाकर नीतीश सरकार को इस पर बोलने के लिए मजबूर किया, जबकि पहले उनकी सरकार इस मुद्दे पर चुप रहती थी।
'वोटर अधिकार यात्रा' पर उन्होंने कहा कि सासाराम से यात्रा होगी, जिसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ महागठबंधन के नेता शामिल होंगे। उन्होंने पीएम मोदी और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी, फिर कोविड-19 के दौरान देशबंदी, और अब 'वोटबंदी' के जरिए उन लोगों के वोट काटे जा रहे हैं जो भाजपा को वोट नहीं देते। इसे लोकतंत्र और संविधान को कमजोर करने की साजिश करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में दलित, पिछड़े, अति पिछड़े, और मुस्लिम समुदायों के मतदाताओं के नाम विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं।
एसआईआर के विरोध में 17 अगस्त को सासाराम 'वोटर अधिकार यात्रा' शुरू होने जा रही है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन का उद्देश्य लोकतंत्र को स्वस्थ और समृद्ध बनाना है, जबकि भाजपा इसे कमजोर करने में लगी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'खून और पानी एक साथ नहीं बह सकता' वाले बयान पर राजद सांसद ने पीएम मोदी के पुराने भाषणों का जिक्र करते हुए कहा कि 2014 में मोदी ने कहा था कि लाल-लाल आंख दिखाने से काम नहीं चलेगा, लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में सीजफायर कर देते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 11 साल के शासन में केंद्र की भाजपा सरकार आतंकवाद से निपटने में नाकाम रही है।
पुलवामा जैसे आतंकी हमलों का हवाला देते हुए सवाल उठाया कि इन हमलों के दोषियों का आज तक पता क्यों नहीं चला?
उन्होंने बिहार के विकास पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि बिहार में उद्योग, प्रति व्यक्ति आय, और निवेश के मामले में कोई प्रगति नहीं हुई, और शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में बिहार सबसे पीछे है।
राजद सांसद ने कहा कि बिहार में सिर्फ वर्तमान मुद्दों पर बात होनी चाहिए, न कि इतिहास का जिक्र किया जाना चाहिए। रोजगार के दावों पर भी उन्होंने सवाल उठाया, पूछा कि बिहार में कितने युवाओं को रोजगार और कितने उद्योग दिए गए, इस पर बात की जानी चाहिए।