क्या संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, और 8 नए विधेयक पेश किए जाएंगे?

सारांश
Key Takeaways
- संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होगा।
- सरकार द्वारा 8 नए विधेयक पेश किए जाएंगे।
- आयकर विधेयक 2025 पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- विपक्ष ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग की है।
नई दिल्ली, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संसद का मानसून सत्र सोमवार से आरंभ होगा और यह 21 अगस्त तक चलेगा। इस सत्र के दौरान, केंद्र सरकार 8 नए विधेयक प्रस्तुत करेगी और अन्य लंबित विधेयकों पर भी चर्चा की जाएगी।
सरकार का मुख्य ध्यान आयकर विधेयक 2025 पर है, जिसे बजट सत्र में 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया था।
यह विधेयक भाजपा सांसद बैजयंत जय पांडा की अध्यक्षता वाली संसद की चयन समिति द्वारा संशोधनों के साथ स्वीकार किया गया है। अब इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद संसद में पारित करने के लिए लाया जाएगा।
अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों में मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025 शामिल है। इसके अतिरिक्त, मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को हर छह महीने में संसद की मंजूरी प्राप्त करनी होगी, इसलिए इसके विस्तार के लिए भी एक विधेयक पेश किया जाएगा।
इस सत्र में जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक 2025 भी प्रस्तुत किया जाएगा, जिसका उद्देश्य कारोबारी सुगमता और नियामक अनुपालन में सुधार करना है। इसके अलावा, अन्य सात विधेयकों पर भी चर्चा होगी, जो पहले से ही पेश किए जा चुके हैं।
मानसून सत्र में पेश किए जाने वाले विधेयकों में लदान विधेयक 2024, समुद्री माल ढुलाई विधेयक 2024, तटीय नौवहन विधेयक 2024, गोवा राज्य के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों का प्रतिनिधित्व विधेयक 2024, मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2024, भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025, आयकर विधेयक 2025, मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025, जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक 2025, भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक 2025, कराधान कानून (संशोधन) विधेयक 2025, भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) विधेयक 2025, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2025, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 और नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक 2025 शामिल हैं।
यह सत्र सरकार और विपक्ष के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा का केंद्र बनेगा। विपक्ष ने भी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने की मांग की है।