क्या संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा स्वागतयोग्य है? : ज्योतिर्मय सिंह महतो

सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को सभी पक्षों का समर्थन मिला है।
- इस चर्चा में सुरक्षा और राजनीति का महत्वपूर्ण पहलू शामिल है।
- ज्योतिर्मय सिंह महतो ने भ्रष्टाचार के मामलों पर भी टिप्पणी की।
- कारगिल विजय दिवस पर सेना की बहादुरी का उल्लेख किया गया।
- पाकिस्तान के प्रति कड़ा संदेश दिया गया है।
पुरुलिया, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा को लेकर भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने इसे स्वागतयोग्य बताया है। उनका कहना है कि सभी लोग चाहते हैं कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा की जाए।
भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। हर कोई इस चर्चा को चाहता है, और यहां तक कि सदन भी इस पर सहमत है। इस चर्चा में पक्ष और विपक्ष दोनों भाग लेंगे। मैं ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा का स्वागत करता हूं। जो लोग ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सवाल उठाते हैं, उन्हें मिसाइल पर बैठाकर पूछना चाहिए कि कैसा लग रहा है। जो लोग राजनीति में हैं, उन्हें नहीं पता कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में वास्तव में क्या हुआ था। ये देशद्रोही लोग हमेशा पाकिस्तान और बांग्लादेश का समर्थन करते हैं।
बिहार में एसआईआर पर उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और पूरी तरह से स्वतंत्र है। यह अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से निभा रहा है। उन्होंने तेजस्वी यादव की आलोचना करते हुए कहा कि तेजस्वी के पिता लालू यादव ने 900 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार किया है। उनके पास कोई मौका नहीं होगा, वे सरकार में नहीं रह सकते, सिर्फ चीखने में माहिर हैं। ये मरे हुए लोगों और रोहिंग्या को वोटर बना कर चुनाव जीतना चाहते थे।
उन्होंने कारगिल विजय दिवस पर कहा कि मैं भारत की तीनों सेनाओं को दिल से धन्यवाद देता हूं। विजय दिवस के इस अवसर पर मैं तीनों सेना प्रमुखों का आभार व्यक्त करता हूं। सेना के अधिकारियों ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी और पाकिस्तान को हराया। इस सम्मान की गूंज पाकिस्तान तक पहुंचनी चाहिए। अगर पाकिस्तान ने भारत की तरफ आंख उठाने की कोशिश की, तो उसे कारगिल युद्ध से भी बुरा परिणाम भुगतना पड़ेगा।