क्या संसद सत्र के दौरान विपक्ष का बर्ताव निंदनीय था?: सुधांशु त्रिवेदी

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क्या संसद सत्र के दौरान विपक्ष का बर्ताव निंदनीय था?: सुधांशु त्रिवेदी

सारांश

संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष का बर्ताव चर्चा का विषय बना। भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्ष की निंदा करते हुए उन्हें मुद्दों पर चर्चा करने की सलाह दी। क्या यह बर्ताव वाकई निंदनीय था? जानें इस विवाद की गहराई।

Key Takeaways

  • संसद में स्वस्थ संवाद का महत्व
  • विपक्ष का बर्ताव विवादित
  • सरकार की सहमति की सीमाएं
  • हिंदू धर्म पर हमले की चिंता
  • राजनीतिक साजिशों की ओर इशारा

सूरत, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त हो चुका है। इस सत्र में मनरेगा का नाम बदलकर 'विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)' करने पर पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने शनिवार को सदन में विपक्ष के बर्ताव की निंदा की।

भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "संसद सत्र के दौरान विपक्ष का बर्ताव बहुत ही निंदनीय रहा। मैं खुद राज्यसभा में मौजूद था। शुरुआत में चार घंटे की चर्चा तय हुई थी। विपक्ष ने चर्चा के लिए आठ घंटे की मांग की और सरकार मान गई। फिर उन्होंने मांग की कि विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को आठ घंटे के अलावा 25 मिनट और दिए जाएं, जिसे सरकार ने मान लिया।"

उन्होंने कहा, "राज्यसभा के उपसभापति ने खड़गे जी को तय समय 13 मिनट अतिरिक्त दिए। इसके बावजूद जब हमारे मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तर देना शुरू किया तो वेल में आकर विपक्षी सांसदों ने बिल को फाड़ने का काम किया। विपक्ष का कृत्य बहुत निंदनीय रहा। विपक्ष की मानसिकता मुद्दे पर बात करने की नहीं है।"

सुधांशु त्रिवेदी ने आप सांसद संजय सिंह के भगवान राम पर दिए हालिया विवादित बयान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "इंडी गठबंधन के अंदर हिंदू धर्म के खिलाफ एक बड़ी साजिश चल रही है। 2022 में तमिलनाडु में एक कॉन्फ्रेंस हुई थी जिसमें सनातन धर्म को खत्म और हिंदू धर्म को पूरी तरह से नष्ट करने की बात कही गई थी।"

उन्होंने बताया, "तेलंगाना में कांग्रेस के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा था कि कांग्रेस मतलब मुसलमान और मुसलमान मतलब कांग्रेस। डीएमके के नेता हिंदू धर्म को एचआईवी और कोरोना वायरस बोलने लगते हैं। पश्चिम बंगाल में टीएमसी के नेता भगवान राम को मुसलमान बताते हैं। किसी को अलग नहीं देखना चाहिए। सभी एक ही जैसे लोग हैं। सभी भारत विरोधी विचार के साथ जुड़े हुए हैं। मैं उनसे एक सवाल पूछता हूं कि क्या वो जानबूझकर हिंदू धर्म को नष्ट करने के षड़यंत्र में शामिल हैं या फिर अनजाने में उनके मोहरे बने हुए हैं।

Point of View

लेकिन यह भी आवश्यक है कि वे अपने विचारों को व्यक्त करने का अवसर प्राप्त करें। सत्ता और विपक्ष के बीच स्वस्थ संवाद होना चाहिए।
NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

संसद सत्र में क्या हुआ?
संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त हो चुका है, जिसमें मनरेगा का नाम बदलने पर विपक्ष और सरकार के बीच बहस हुई।
सुधांशु त्रिवेदी ने क्या कहा?
उन्होंने विपक्ष के बर्ताव को निंदनीय बताया और कहा कि उन्हें मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।
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