क्या विपक्ष का प्रदर्शन एसआईआर के खिलाफ संसद में सरकार को घेरने में सफल होगा?
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर के विरोध में विपक्ष का प्रदर्शन जारी है।
- सरकार पर अविश्वास का माहौल बढ़ रहा है।
- वोटों की चोरी और हेराफेरी के आरोप उठाए जा रहे हैं।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश के 12 राज्यों में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी हंगामा जारी रहा। विपक्ष के सदस्यों ने एसआईआर के विरोध में संसद के भीतर और बाहर जोरदार नारेबाजी की और चर्चा की मांग की।
राज्यसभा की सदस्य सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद परिसर में एकजुट होकर प्रदर्शन किया। इस दौरान, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "हम प्रदर्शन करते रहेंगे, जब तक इनको याद नहीं आएगा कि ये गलत कर रहे हैं।"
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद कीर्ति आजाद ने एसआईआर का विरोध करते हुए कहा कि वोटों की चोरी और हेराफेरी हो चुकी है। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "चुनाव आयोग का पैसा केंद्रीय भंडार से जाता है। जितनी भी संस्थाओं को सरकार से पैसा जाता है, उन पर चर्चा हो सकती है। ऐसा नहीं है कि पहले कभी चुनाव आयोग पर चर्चा नहीं हुई हो। वर्तमान सरकार एसआईआर पर चर्चा से क्यों डर रही है?"
टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने भी सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नीतियों के कारण अविश्वास का माहौल है। उन्होंने कहा, "हम कैसे सरकार पर विश्वास करें कि ये अपनी बात पर कायम रहेगी, क्योंकि सत्तापक्ष कहता कुछ और है, जबकि करता कुछ और है।"
सागरिका घोष ने कहा कि अभी तक हमें नहीं बताया गया कि एसआईआर प्रक्रिया पर कब चर्चा होगी। इसलिए सरकार के कारण अविश्वास का माहौल बना हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि एसआईआर एक मानवीय त्रासदी है। प्रक्रिया के बीच लोगों की जान जा रही है। इस स्थिति में संसद चुप नहीं बैठ सकती है।
वहीं, कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि भाजपा के लिए सत्ता के अलावा एसआईआर जैसे अन्य मुद्दे नहीं हैं। उन्होंने 'संचार साथी' ऐप को लेकर भी सवाल उठाए।