क्या भारत एक सनातन राष्ट्र है? मजहबी उन्माद को स्वीकार नहीं करेगा संत समाज

सारांश
Key Takeaways
- भारत एक सनातन राष्ट्र है।
- मजहबी उन्माद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- संत समाज का जागरूकता बढ़ रही है।
- धर्मनिरपेक्षता की आवश्यकता है।
- युवाओं को भड़काने का प्रयास किया जा रहा है।
अयोध्या, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में साधु-संतों ने ‘आई लव मोहम्मद अभियान’ की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान एक सनातन देश है, जहाँ इस तरह के अभियानों की कोई आवश्यकता नहीं है। इन साधु-संतों ने यह भी पूछा कि आखिर यह लोग ‘आई लव मोहम्मद’ के माध्यम से समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं?
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से चर्चा करते हुए दीवाकर जी महाराज ने कहा कि राजनीतिक ताकतों के समर्थन से यह अभियान चलाया जा रहा है, जिसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसे लोग युवाओं को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। यह मजहबी उन्माद है और इसकी रोकथाम आवश्यक है। इस प्रकार की स्थिति को भारत में स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि ऐसे लोग भारत में जिहाद फैलाना चाहते हैं।
वाराणसी में ‘आई लव मोहम्मद’ के उत्तर में संतों ने ‘आई लव महाकाल’ का नारा दिया। दीवाकर जी महाराज ने कहा कि यदि ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान शुरू किया गया, तो निश्चित रूप से ‘आई लव महाकाल’ का अभियान भी चलाया जाएगा। हम 'हर-हर महादेव' और 'जय श्री राम' के भक्त हैं, इसलिए हम ‘आई लव’ जैसे सिद्धांतों पर विश्वास नहीं करते हैं। हमें अनंत काल से अपने प्रभु पर भरोसा है।
संत सीताराम दास जी ने भी कहा कि भारत में इन विचारधाराओं के लिए कोई स्थान नहीं है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, तो ऐसी विचारधाराओं की क्या आवश्यकता है? भारत एक सनातन राष्ट्र है। इस स्थिति में ‘आई लव मोहम्मद’ का क्या अर्थ है? संतों द्वारा ‘आई लव महाकाल’ का पोस्टर लगाना सराहनीय है। मैं इसकी प्रशंसा करता हूँ। सनातन धर्म पर किसी भी प्रकार का आक्रमण संत समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। अब सनातन समाज पूरी तरह से जागरूक हो चुका है।
देवेशाचार्य जी महाराज ने भी ‘आई लव मोहम्मद अभियान’ की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह एक हिंदू राष्ट्र है, इसलिए यहाँ ‘मोहम्मद’ नाम का अभियान चलाना गलत है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। हिंदुस्तान एक सनातन राष्ट्र है।