क्या संविधान की रक्षा भारत के लोग करते हैं? : केसी त्यागी
सारांश
Key Takeaways
- संविधान की रक्षा में सभी भारतीयों का योगदान है।
- राहुल गांधी ने बाबा साहेब अंबेडकर की विरासत की सराहना की।
- कांग्रेस पार्टी की आलोचना की गई है।
- इंडिगो फ्लाइट में देरी की समस्या पर ध्यान दिया गया।
- संगठनों की भूमिका पर चर्चा की गई।
नई दिल्ली, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नेता केसी त्यागी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के उस ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की अमूल्य विरासत संविधान की रक्षा के लिए उनके संकल्प को और मजबूत करती है।
केसी त्यागी ने स्पष्ट किया कि भारत के संविधान की रक्षा हमारे देशवासियों द्वारा की जाती है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “बाबासाहेब अंबेडकर को उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि। समानता, न्याय और मानवीय गरिमा की उनकी अमूल्य विरासत संविधान की रक्षा करने के मेरे संकल्प को मज़बूत करती है और एक समावेशी, दयालु भारत के लिए हमारे सामूहिक संघर्ष को प्रेरित करती है।”
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में केसी त्यागी ने कहा कि भारत के लोग संविधान की रक्षा करते हैं, यह 140 करोड़ लोगों की इच्छा और विश्वास का प्रमाण है। कोई भी इसे नष्ट नहीं कर सकता।
संविधान के संदर्भ में उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर भी निशाना साधा और कहा कि वे अपने अस्तित्व को खत्म करने की दिशा में बढ़ रहे हैं।
निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद की नींव रखने पर केसी त्यागी ने कहा कि ऐसे कार्य अकेले कोई व्यक्ति नहीं करता बल्कि यह संगठनों द्वारा किए जाते हैं।
केसी त्यागी ने उनके बयान को भड़काऊ और विभाजनकारी बताया है।
इंडिगो फ्लाइट में देरी और कैंसिलेशन पर जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि इसके लिए इंडिगो के मालिक जिम्मेदार हैं। उन्होंने उच्च न्यायालय के निर्देशों को नजरअंदाज़ किया, जिससे पायलटों को कठिनाई हुई। डीजीसीएम अधिकारियों ने भी इन मामलों की अनदेखी की। मैं चाहता हूं कि उनके खिलाफ कार्रवाई हो।
इंडिगो फ्लाइट में देरी और कैंसलेशन पर एक यात्री ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनके बड़े-बड़े बयान ट्विटर और मीडिया में होते हैं। 'हम रहने का इंतजाम कर रहे हैं, हम यह कर रहे हैं, हम वह कर रहे हैं।' कुछ नहीं। पानी की एक बोतल भी नहीं। वे कहते हैं, 'मैं आपको रिफंड दूंगा।' मैं तो डबल पैसे देने को तैयार हूं। बस मुझे घर पहुंचा दो।