क्या सपा सांसद इकरा हसन के साथ बदसलूकी का मुद्दा संसद में उठेगा? : राकेश टिकैत

सारांश
Key Takeaways
- इकरा हसन के साथ हुई अभद्रता का मामला गंभीर है।
- राकेश टिकैत ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
- संसद में इस मुद्दे को उठाने का आश्वासन दिया गया।
- कांवड़ यात्रा के दौरान पुलिस की सख्ती पर भी सवाल उठाए गए।
- अगर उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन की संभावना है।
मुजफ्फरनगर, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन के साथ एडीएम की अभद्रता का मामला अब गर्माता जा रहा है। इस पर किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत ने प्रशासन और सरकार की कार्यशैली को लेकर गंभीर प्रश्न उठाए हैं।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा कि सहारनपुर के एडीएम का व्यवहार पूरी तरह अस्वीकार्य था। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह उनकी व्यक्तिगत सोच थी या फिर उन्हें सरकार की ओर से निर्देश दिया गया था कि सांसदों और विधायकों के साथ बदतमीजी करनी है? टिकैत ने इकरा हसन की सादगी की प्रशंसा की और कहा कि वह किसी से विवाद नहीं करतीं। फिर भी उनके साथ ऐसा व्यवहार होना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने यह भी बताया कि संसद सत्र में यह मुद्दा अवश्य उठेगा। समाजवादी पार्टी की तरफ से महापंचायत बुलाने के निर्णय का समर्थन करते हुए टिकैत ने कहा कि अगर सांसद के साथ गलत व्यवहार हुआ है, तो पार्टी का यह अधिकार है कि वह जनसमर्थन से अपनी आवाज उठाए।
यूपी में अधिकारियों और विधायकों के बीच चल रही खींचतान पर भी टिकैत ने चुटकी ली। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने विधायक के कपड़े तक फाड़ दिए, जिससे वह महीनों तक फटे कपड़ों में घूमते रहे। उन्होंने लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर की ओर इशारा करते हुए यह टिप्पणी की। टिकैत ने कहा कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच संवाद होना चाहिए। यदि कोई घटना होती है, तो आपसी बातचीत से समाधान निकालना चाहिए। सहारनपुर के एडीएम को भी इकरा हसन से बात करनी चाहिए थी।
कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे और बाइकों पर पुलिस की सख्ती को लेकर राकेश टिकैत ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार में अगर कांवड़ यात्रा नहीं चल पाएगी, तो फिर कब चलेगी? हरियाणा से आने वाले श्रद्धालुओं की बाइकों को जब्त किया जा रहा है। साइलेंसर हटाने पर चालान किए जा रहे हैं, जो कि अत्यंत अनुचित है। 15 दिन की छूट तो मिलनी चाहिए। पुलिस को जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए, न कि दमन। सरकार की दोहरी नीतियों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि कांवड़ियों के ऊपर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए जा रहे हैं और सड़क पर चालान कट रहे हैं। आखिरकार सरकार का प्लान क्या है, ये समझ से परे है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारी यूनियन कांवड़ियों के समर्थन में आगे आएगी और अगर जरूरत पड़ी, तो पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी आंदोलन किया जाएगा। टिकैत ने कहा कि उन्होंने खुद भंडारे चलवाए हैं और यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से संचालित करने के लिए पूरी मदद दे रहे हैं। लेकिन, यदि पुलिस और अधिकारी इसी तरह व्यवहार करते रहे, तो आंदोलन निश्चित है।