क्या माफिया अतीक का नाम लेने पर पूजा पाल को समाजवादी पार्टी से निकाला गया?

सारांश
Key Takeaways
- पूजा पाल का निष्कासन राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा हो सकता है।
- माफिया अतीक का नाम लेना उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक संवेदनशील मुद्दा है।
- राजनीति में व्यक्तिगत संबंधों का प्रभाव भी महत्वपूर्ण होता है।
लखनऊ, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी से निष्कासित पूजा पाल ने सपा पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि माफिया अतीक अहमद का नाम सदन में लेने की सजा के तहत उन्हें पार्टी से निकाला गया।
पूजा पाल ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि "बिल्कुल, यह सच है।" उत्तर प्रदेश में अच्छे शासन के लिए उन्होंने कई बार सीएम योगी की प्रशंसा की है और सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सदन में पहली बार अतीक अहमद का नाम लिया, जिसके कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया।
कौशांबी के चायल से विधायक पाल ने कहा कि उनके करीबी विधायक बनना चाहते थे और अतीक ने उनसे छुटकारा पाना चाहा। उनके चुनाव हारने के बाद उनकी राजनीतिक जीवन को समाप्त करने के लिए कई षड्यंत्र रचे गए। माफिया अतीक ने उनके करीबी लोगों को खरीदने की कोशिश की थी।
इसी बीच, समाजवादी पार्टी से निष्कासित पूजा पाल द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद प्रदेश में सियासी गर्माहट बढ़ गई है।
इस मामले पर उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा, "अच्छे को अच्छा कहना और बुरे को बुरा कहना हर राजनीतिक व्यक्ति का धर्म होना चाहिए। सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त किया है, जिसकी पूजा पाल ने भी प्रशंसा की थी। पूजा पाल स्वयं अपराध की शिकार रह चुकी हैं; उनके पति की हत्या की गई थी, और जिन लोगों ने उनके पति की हत्या की, योगी ने उन्हें नेस्तनाबूत किया। अखिलेश यादव की छोटी बुद्धि का परिचायक यह है कि उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया दी। इसका मतलब साफ है कि अखिलेश यादव अपराधियों के साथ खड़े हैं और अपराधियों का खात्मा करने वालों का विरोध कर रहे हैं।