क्या सरस फूड फेस्टिवल ने लोगों को देश भर के व्यंजनों का स्वाद चखने का मौका दिया?
सारांश
Key Takeaways
- सरस फूड फेस्टिवल का उद्देश्य भारतीय व्यंजनों का जश्न मनाना है।
- महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए यह एक महत्वपूर्ण मंच है।
- यह आयोजन राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।
- लखपति दीदियों ने अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया।
- देशभर के व्यंजनों का अद्वितीय संग्रह प्रस्तुत किया गया।
नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ग्यारह दिनों तक चलने वाला सरस फूड फेस्टिवल मंगलवार को समाप्त हो गया। इस दौरान, लोगों ने देश के विभिन्न क्षेत्रों के व्यंजनों का आनंद लिया। इस महोत्सव में तीन सौ से अधिक लखपति दीदियों ने भाग लिया।
केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली स्थित सुंदर नर्सरी में आयोजित सरस आजीविका फूड फेस्टिवल 2025 में भाग लेकर लखपति दीदियों द्वारा तैयार विभिन्न व्यंजनों का स्वाद चखा।
इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरस फूड फेस्टिवल भारतीय संस्कृति के विविध रंगों और महिला सशक्तीकरण का प्रतीक है, साथ ही यह राष्ट्रीय एकता का भी एक सशक्त उदाहरण है। यहां उपस्थित लोगों ने देशभर के विभिन्न स्वादों का अनुभव किया, जिससे ना केवल वे खुश थे बल्कि यहां आई महिला उद्यमी दीदियां भी प्रसन्न थीं।
उन्होंने आगे कहा कि भारत में अनेक भाषाओं, वेश-भूषाओं और खानपान की विविधताओं के बावजूद, हम एक राष्ट्र के रूप में एकजुट हैं और यह फूड फेस्टिवल उसी सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है।
शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि देश में अब तक दो करोड़ से अधिक महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं, और हमारा लक्ष्य इस संख्या को तीन करोड़ तक पहुंचाना है। हमें आशा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए, हम जल्द ही और अधिक लखपति दीदियां बनाएंगे।
राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान तथा कुटुंब श्री के सहयोग से आयोजित सरस आजीविका फूड फेस्टिवल 2025 में देशभर की स्वयं सहायता समूहों की लखपति दीदियों ने अपने-अपने राज्यों के स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ 62 स्टॉल लगाए थे, जिनमें 50 लाइव फूड स्टॉल और 12 प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के स्टॉल शामिल थे।