क्या भारतीयों की सुरक्षित वतन वापसी की जिम्मेदारी सरकार की है? : उदयवीर सिंह

सारांश
Key Takeaways
- सरकार की जिम्मेदारी: भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करना।
- वैश्विक स्थिति: युद्ध की कगार पर रहने वाले देशों के बीच नागरिकों की सुरक्षा की चिंता।
- भाजपा की नीतियाँ: विपक्षी नेताओं को फंसाने की कोशिशें।
- संभल हिंसा: 23 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
- जनता की जागरूकता: भाजपा की गतिविधियों को लेकर जनता की समझ बढ़ रही है।
लखनऊ, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। 'ऑपरेशन सिंधु' के तहत ईरान से 110 भारतीय नागरिकों को निकालने की पहल पर समाजवादी पार्टी के नेता उदयवीर सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारतीयों की सुरक्षित वतन वापसी कराने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है।
उदयवीर सिंह ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि आज की वैश्विक स्थिति बेहद चिंताजनक है, जहां प्रमुख शक्तियों के बीच युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में, हमारे नागरिकों की सुरक्षा और उनकी सुरक्षित वतन वापसी सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। हमारी पार्टी और देशवासियों की यही कामना है कि हमारे नागरिकों की सुरक्षित वतन वापसी सुनिश्चित की जाए। किसी भी भारतीय के जीवन पर संकट उत्पन्न नहीं होना चाहिए।
संभल हिंसा मामले में चार्जशीट दाखिल होने पर उदयवीर सिंह ने कहा कि भाजपा का मुख्य उद्देश्य संविधान में परिवर्तन करना और विपक्षी नेताओं को गलत तरीके से फंसाना है। भाजपा विपक्ष के नेताओं को आरोपी बनाकर जेल में डालने की कोशिश कर रही है, जिससे वह अपने राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल कर सके। वहीं, भाजपा अपने इरादों को संभल से पूरा करने की कोशिश कर रही है। संभल में हुई हिंसा के दौरान सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क वहां मौजूद नहीं थे, लेकिन उन्हें गलत तरीके से फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। हम इस मुद्दे को व्यापक स्तर पर उठाएंगे। जनता जान चुकी है कि भाजपा किस हद तक जा सकती है।
ज्ञात हो कि गत वर्ष संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा हुई थी। इस मामले में एसआईटी ने कोर्ट में चार्जशीट प्रस्तुत की है। इस चार्जशीट में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और जामा मस्जिद के सदर जफर अली समेत कुल 23 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
गत 24 नवंबर 2024 को संभल की शाही जामा मस्जिद का दूसरे चरण का सर्वेक्षण हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में एकत्र हुए लोगों ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें चार आम नागरिकों की मृत्यु हो गई। भीड़ ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस मामले में कई उपद्रवियों को जेल भेजा जा चुका है।