क्या सरकार ने 12 प्रतिशत टैक्स स्लैब वाली 99 प्रतिशत वस्तुओं पर कर घटाकर 5 प्रतिशत किया?

सारांश
Key Takeaways
- 99 प्रतिशत वस्तुओं पर कर को घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है।
- जीएसटी स्लैब की संख्या को चार से घटाकर दो किया गया है।
- जीएसटी कलेक्शन में वृद्धि हुई है।
- राज्य सरकारों की भी इस निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
- नए टैक्स स्लैब 22 सितंबर से लागू होंगे।
चेन्नई, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को जानकारी दी कि सरकार ने 12 प्रतिशत टैक्स स्लैब वाली 99 प्रतिशत वस्तुओं पर कर को 5 प्रतिशत कर दिया है। इससे आम जनता पर कर का बोझ कम होगा।
ट्रेड एडं इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के ज्वाइंट कॉन्क्लेव में संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, "सरकार ने जीएसटी सुधार के तहत टैक्स स्लैब की संख्या को चार (5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) से घटाकर दो (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) कर दिया है।"
उन्होंने आगे कहा, "जब लोगों को लगा कि सरकार ज्यादा टैक्स लगा रही है, तब प्रधानमंत्री मोदी ने टैक्स के बोझ को कम करने के लिए कदम उठाए। जीएसटी में कटौती का हमारे 140 करोड़ नागरिकों पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। प्रधानमंत्री दिवाली से पहले देश को यह छूट देना चाहते थे, लेकिन हमें नवरात्रि से पहले ही इसकी घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है। यह सभी भारतीयों की जीत है।"
वित्त मंत्री ने बताया कि 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब वाली 90 प्रतिशत वस्तुओं पर कर को घटाकर 5 प्रतिशत या शून्य कर दिया गया है।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने जानकारी दी कि 2017 में केवल 65 लाख लोग जीएसटी का भुगतान कर रहे थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 1.5 करोड़ पर पहुंच गई है। साथ ही जीएसटी कलेक्शन बढ़कर 22.08 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है, जो कि 2018 में 7.18 लाख करोड़ रुपए था।
जीएसटी में कटौती का श्रेय राज्यों के साथ साझा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य के मंत्री जीएसटी परिषद की शुरुआत से ही इसका हिस्सा रहे हैं, और यह निर्णय सामूहिक रूप से लिया गया है। इस सफलता में राज्य सरकारों की भी भूमिका है। हमने 350 से ज्यादा वस्तुओं पर कर कम किया है और कर ढांचे को केवल दो स्लैब तक सीमित कर दिया है।
नए जीएसटी सुधार 22 सितंबर से लागू होंगे। नए जीएसटी ढांचे में सरकार ने 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो स्लैब रखे हैं। वहीं, लग्जरी और सिन गुड्स पर 40 प्रतिशत का अलग से टैक्स लगाया जाएगा।