क्या सरकारी आवास खाली करने को लेकर गरमाई सियासत, बेनीवाल ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप
- आंदोलन की योजना
- भाजपा का बयान
- सरकारी आवास का विवाद
- भविष्य की राजनीतिक स्थितियाँ
जयपुर, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के नेता और सांसद हनुमान बेनीवाल को सरकारी आवास खाली करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी द्वारा नोटिस जारी किया गया है। इस निर्णय ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है।
हनुमान बेनीवाल ने इस कार्रवाई को सरकार की राजनीतिक प्रतिशोध का एक संकेत बताया है। उन्होंने कहा, "मैं काफी समय से जयपुर में धरने पर हूं, इसलिए सरकार मुझे तंग कर रही है। पहले बिजली का कनेक्शन कटवाया गया और अब सरकारी आवास खाली कराने की कोशिश की जा रही है। यदि विधानसभा अध्यक्ष मुझसे सीधे बात करते, तो मैं खुद ही मकान खाली कर देता।"
इसके साथ ही बेनीवाल ने घोषणा की कि वे अब जनआंदोलन की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा, "मैं एक लाख समर्थकों के साथ दिल्ली कूच करूंगा। सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा लीक मामला भी इस आंदोलन का हिस्सा होगा। इसके अतिरिक्त, अन्य कुछ मुद्दों को भी आंदोलन में शामिल किया जाएगा। दिल्ली जाने से पहले मैं हाईवे के किनारे एक बड़ी रैली का आयोजन करूंगा।"
इस मुद्दे पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदान राठौड़ ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा, "यदि हनुमान बेनीवाल अब विधायक नहीं हैं और उनका सरकारी आवास खाली नहीं किया गया है, तो उन्हें तुरंत इसे खाली कर देना चाहिए। नियमों के अनुसार यदि कार्रवाई की जा रही है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। सभी को कानून और व्यवस्था का पालन करना चाहिए।"
जानकारी के अनुसार, पिछले कई वर्षों से हनुमान बेनीवाल विधायक नहीं रहे हैं, इसके बावजूद उन्हें जयपुर के जालूपुरा में एक बड़ा सरकारी बंगला और विधायक परिसर में एक फ्लैट आवंटित किया गया था। उनकी पार्टी के दो अन्य पूर्व विधायकों को भी सरकारी आवास आवंटित था, जबकि वे 2023 का विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। यह मामला न केवल प्रशासनिक हलकों में हलचल पैदा कर रहा है, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी बहस को तीव्र बना रहा है।