क्या सौरभ भारद्वाज ने रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर एसीबी जांच की मांग की?

सारांश
Key Takeaways
- सौरभ भारद्वाज ने रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर थर्ड पार्टी ऑडिट की मांग की।
- दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशों का पालन न होना गंभीर चिंता का विषय है।
- जलभराव की समस्या ने नालों की सफाई की असली तस्वीर सामने रखी।
- भ्रष्टाचार की आशंका को लेकर एसीबी से जांच की मांग उठाई गई।
- मुख्यमंत्री से तीन महत्वपूर्ण सवाल पूछे गए हैं।
नई दिल्ली, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को एक पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने राजधानी में करोड़ों रुपये की लागत से कराए गए डिसिल्टिंग (नालों की सफाई) कार्यों के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट न कराए जाने पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने इस मामले में भ्रष्टाचार की संभावना को देखते हुए एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) से जांच की मांग की है। पत्र में सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट के 8 अप्रैल 2024 के आदेश के बावजूद आज तक डिसिल्टिंग कार्यों की स्वतंत्र एजेंसियों से थर्ड पार्टी ऑडिट नहीं कराया गया। यह सीधा अदालत के आदेशों की अवहेलना और संभावित भ्रष्टाचार को छिपाने का प्रयास प्रतीत होता है।
सौरभ भारद्वाज ने अपने पत्र में बताया कि 29 जुलाई को दिल्ली में हुई सामान्य बारिश के बाद कई प्रमुख क्षेत्रों जैसे कनॉट प्लेस, आईटीओ, सदर बाजार, अंबेडकर स्टेडियम और जनपथ मार्केट में भारी जलभराव हुआ। इससे हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा और यह स्थिति दर्शाती है कि नालों की सफाई का कार्य केवल कागजों तक सीमित रह गया है।
उन्होंने लिखा है कि जब वे दिल्ली सरकार में शहरी विकास मंत्री थे, तब उन्होंने तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार को डिसिल्टिंग कार्यों की थर्ड पार्टी ऑडिट कराने के स्पष्ट निर्देश दिए थे। इसके लिए उन्होंने मई और जून 2024 में तीन अलग-अलग यूओ नोट भी भेजे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि फिर भी नरेश कुमार और अन्य संबंधित अधिकारियों ने अदालत के आदेशों का पालन नहीं किया, जिससे यह आशंका बढ़ती है कि करोड़ों रुपये के ठेके केवल कागजों पर ही निपटाए गए हों।
इस मुद्दे पर सौरभ भारद्वाज ने मुख्यमंत्री से तीन महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं। क्या दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार किसी स्वतंत्र एजेंसी से थर्ड पार्टी ऑडिट कराई गई है? यदि नहीं, तो इसके पीछे क्या कारण हैं? यदि हां, तो क्या ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी? इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच एसीबी से की जाए ताकि यह पता चल सके कि अदालत के आदेशों की अवहेलना क्यों हुई और क्या इसमें कोई संगठित भ्रष्टाचार शामिल है।