क्या एसबीआई की बैलेंस शीट का आकार 175 देशों की जीडीपी से अधिक है?

Click to start listening
क्या एसबीआई की बैलेंस शीट का आकार 175 देशों की जीडीपी से अधिक है?

सारांश

एसबीआई ने अपनी बैलेंस शीट का आकार 175 देशों की जीडीपी से अधिक होने की घोषणा की है। यह जानकारी भारतीय स्टेट बैंक के सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में हिस्सेदारी और ग्राहकों की संख्या को भी उजागर करती है। जानें इस बैंक के योगदान और उपलब्धियों के बारे में।

Key Takeaways

  • एसबीआई की बैलेंस शीट 66 लाख करोड़ रुपए पर पहुँच गई है।
  • बैंक का वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 1.1 प्रतिशत योगदान है।
  • एसबीआई ने 15 करोड़ जन-धन खाते खोले हैं।
  • सभी सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में बैंक की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से अधिक है।
  • डिजिटल परिवर्तन से ग्राहकों के लिए बैंकिंग सुविधाएं आसान हुई हैं।

नई दिल्ली, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मंगलवार को जानकारी दी कि वर्तमान में उसका वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 1.1 प्रतिशत और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 16 प्रतिशत योगदान है। इसके साथ ही, बैंक ने बताया कि सभी सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के कार्यान्वयन में अब उसकी हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से अधिक हो गई है।

बैंक ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) के अंतर्गत एसबीआई ने 15 करोड़ खाते खोले हैं, जबकि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के तहत 14.6 करोड़ लोगों का पंजीकरण किया गया है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के तहत 6.7 करोड़ और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) में 1.73 करोड़ लोगों को शामिल किया गया है।

एसबीआई के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में बैंक का सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के लाभ में 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। वहीं, कॉर्पोरेट आयकर (वित्त वर्ष 2026) में 2.53 प्रतिशत का योगदान था।

बैंक ने यह भी कहा कि अगर एसबीआई एक देश होता, तो यह 52 करोड़ से अधिक ग्राहकों के साथ अमेरिका की जनसंख्या से भी बड़ा और धरती पर तीसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश होता। साथ ही, एसबीआई की बैलेंस शीट का आकार 175 देशों की जीडीपी से भी अधिक है।

इस वित्तीय संस्थान की बैलेंस शीट अपने 70वें वर्ष में 66 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।

बैंक के अनुसार, एसबीआई के योनो ऐप पर ग्राहकों का पंजीकरण 8.8 करोड़ तक पहुंच गया है और यह संख्या निरंतर बढ़ रही है।

एसबीआई के 70 साल पूरे होने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंक को बधाई देते हुए कहा, "23,000 से अधिक शाखाएं, 78,000 ग्राहक सेवा बिंदु (सीएसपी) और 64,000 एटीएम के साथ आज एसबीआई की स्थिति बहुत मजबूत है और यह वास्तव में हर भारतीय का बैंक है।"

वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दशक में बैंक द्वारा डिजिटल परिवर्तन ग्राहकों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ है। बैंक ने 1.5 करोड़ किसानों, महिलाओं द्वारा संचालित 1.3 करोड़ स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), पीएम स्वनिधि योजना के तहत 32 लाख स्ट्रीट वेंडर्स, 23 लाख एमएसएमई और विभिन्न योजनाओं के तहत लाखों कारीगरों को सहायता देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बैंक के पास 15 करोड़ से अधिक जन धन खाते, 14.65 करोड़ पीएम सुरक्षा बीमा योजना, 1.73 करोड़ अटल पेंशन योजना और 7 करोड़ पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना के लाभार्थी हैं।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि भारतीय स्टेट बैंक ने न केवल वित्तीय क्षेत्र में बल्कि सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके द्वारा किए गए प्रयासों से लाखों लोगों को लाभ हुआ है और यह भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन चुका है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

एसबीआई की बैलेंस शीट का आकार क्या है?
एसबीआई की बैलेंस शीट का आकार 66 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो 175 देशों की जीडीपी से अधिक है।
एसबीआई ने कितने जन-धन खाते खोले हैं?
एसबीआई ने 15 करोड़ जन-धन खाते खोले हैं।
एसबीआई का पीएम जन-धन योजना में योगदान क्या है?
एसबीआई ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत 15 करोड़ खाते खोले हैं।
एसबीआई का डिजिटल परिवर्तन का क्या महत्व है?
एसबीआई का डिजिटल परिवर्तन ग्राहकों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ है, जिससे बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच आसान हुई है।
एसबीआई ने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में क्या योगदान दिया है?
एसबीआई ने विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में 25 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी निभाई है।