क्या गूगल और मेटा के प्रतिनिधि ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने गूगल और मेटा को अवैध ऐप्स के मामले में समन भेजा।
- प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति ने सवाल खड़े किए।
- जांच मनी लॉन्ड्रिंग और जुए से संबंधित है।
- 29 हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
- कानूनी कार्रवाई के अंतर्गत यह जांच चल रही है।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स को बढ़ावा देने के मामले में तकनीकी दिग्गज गूगल और मेटा को नोटिस जारी किया था। इन दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों को 21 जुलाई (सोमवार) को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए।
सूत्रों के अनुसार, अब ईडी ने दोनों कंपनियों को पुनः समन भेजने का निर्णय लिया है। ईडी की जांच उन ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स पर केंद्रित है जो कथित तौर पर अवैध जुए और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं, जिनमें महादेव बेटिंग ऐप और फेयरप्ले आईपीएल जैसे ऐप्स शामिल हैं।
ईडी का आरोप है कि गूगल और मेटा ने अपने प्लेटफार्म पर इन अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को विज्ञापनों के माध्यम से बढ़ावा दिया और इनकी पहुंच को व्यापक बनाने में सहायता की। जांच में पता चला है कि ये ऐप्स स्किल-बेस्ड गेमिंग के नाम पर अवैध सट्टेबाजी को बढ़ावा देते हैं। इन प्लेटफार्मों के माध्यम से करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की गई, जिसे हवाला चैनलों के माध्यम से छिपाया गया ताकि जांच से बचा जा सके।
ईडी ने इन ऐप्स के विज्ञापनों को गूगल और मेटा के प्लेटफार्म पर प्रमुखता से प्रदर्शित करने का आरोप लगाया है, जिससे इनके उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ी। पिछले हफ्ते, ईडी ने इस मामले में 29 नामी हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई की थी, जिनमें अभिनेता विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज, निधि अग्रवाल, प्रणिता सुभाष, मंचू लक्ष्मी और अनन्या नगेला शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, टीवी कलाकार, होस्ट और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स जैसे श्रीमुखी, श्यामला, वर्षिणी सौंदर्यराजन, वसंती कृष्णन, शोभा शेट्टी, अमृता चौधरी, नयनी पावनी, नेहा पठान, पांडु, पद्मावती, हर्षा साय और बय्या सनी यादव भी जांच के दायरे में हैं। इन पर जंगली रम्मी, A23, जीतविन, परिमैच और लोटस365 जैसे प्लेटफार्मों के प्रचार का आरोप है, जो मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं।
यह जांच पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 1867 और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हो रही है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में दर्ज पांच एफआईआर के आधार पर ईडी ने यह कार्रवाई आरंभ की। मार्च में, साइबराबाद पुलिस ने भी विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती और प्रकाश राज सहित कई हस्तियों के खिलाफ अवैध सट्टेबाजी ऐप्स के प्रचार का मामला दर्ज किया था। हालांकि, इन हस्तियों ने स्पष्ट किया कि वे किसी अवैध ऐप का प्रचार नहीं कर रहे थे। ईडी अब इन सभी मामलों की गहन जांच कर रहा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है।