क्या एससीओ के सदस्य देशों के नेताओं ने थ्येनचिन घोषणा पत्र जारी किया?

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क्या एससीओ के सदस्य देशों के नेताओं ने थ्येनचिन घोषणा पत्र जारी किया?

सारांश

बीजिंग में एससीओ के सदस्य देशों के नेताओं ने एक महत्वपूर्ण बैठक में थ्येनचिन घोषणा पत्र जारी किया। इस अवसर पर, उन्होंने एससीओ की आगामी विकास रणनीति पर चर्चा की और बहुपरकारी व्यापार व्यवस्था के समर्थन का भी उल्लेख किया। जानें इस बैठक की मुख्य बातें और उसके वैश्विक प्रभावों के बारे में।

Key Takeaways

  • थ्येनचिन घोषणा पत्र जारी किया गया।
  • 2026—2035 के लिए विकास रणनीति की मंजूरी।
  • दूसरे विश्व युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ का उल्लेख।
  • बहुपरकारी व्यापार व्यवस्था का समर्थन।
  • 24 उपलब्धियों के दस्तावेज पारित किए गए।

बीजिंग, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के नेताओं ने 1 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की बैठक में थ्येनचिन घोषणा पत्र जारी किया।

इसके अतिरिक्त, एससीओ के सदस्य देशों के नेताओं ने एससीओ की आगामी दस वर्ष (वर्ष 2026—2035) विकास रणनीति का अनुमोदन किया और दूसरे विश्व युद्ध की विजय एवं संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ पर एक बयान जारी किया।

यह उल्लेखनीय है कि एससीओ के नेताओं ने बहुपरकारी व्यापार व्यवस्था के समर्थन पर भी एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया।

एससीओ के नेताओं ने सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और लोगों की आवाजाही में सहयोग एवं संगठन के निर्माण को मजबूत करने पर 24 उपलब्धियों के दस्तावेज पारित किए।

(साभार-चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

यह बैठक एससीओ के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। सदस्य देशों की एकता और सहयोग को बढ़ावा देने वाले इस निर्णय से वैश्विक स्थिरता में योगदान मिल सकता है। हमें इस पहल का समर्थन करना चाहिए, क्योंकि यह हमारे देश के लिए भी लाभकारी हो सकता है।
NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

एससीओ के थ्येनचिन घोषणा पत्र का मुख्य उद्देश्य क्या है?
थ्येनचिन घोषणा पत्र का मुख्य उद्देश्य एससीओ के सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और बहुपरकारी व्यापार व्यवस्था का समर्थन करना है।
एससीओ की आगामी विकास रणनीति क्या है?
एससीओ की आगामी विकास रणनीति 2026 से 2035 तक के लिए निर्धारित की गई है, जो सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और संस्कृति में सहयोग को मजबूत करेगी।