क्या सेंसेक्स लाल निशान में बंद हुआ, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप में खरीदारी रही?

सारांश
Key Takeaways
- सेंसेक्स में गिरावट आई, नाफ्टी भी कमजोर हुआ।
- मिडकैप और स्मॉलकैप में खरीदारी हुई।
- सेक्टोरल आधार पर पीएसयू बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेज में बढ़ोतरी।
- बाजार में सतर्कता बनी हुई है।
- थोक महंगाई दर में वृद्धि से निवेशकों में चिंता।
मुंबई, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को मिलाजुला कारोबार देखने को मिला। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 118.96 अंक या 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,785.74 पर और निफ्टी 44.80 अंक या 0.18 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,069.20 पर बंद हुआ।
लार्जकैप की तुलना में मिडकैप और स्मॉलकैप में खरीदारी का माहौल बना रहा। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 258.90 अंक या 0.44 प्रतिशत की तेजी के साथ 58,486.10 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 137.10 अंक या 0.76 प्रतिशत की तेजी के साथ 18,127 पर बंद हुआ।
सेक्टोरल आधार पर पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल, रियल्टी, एनर्जी, प्राइवेट बैंक और इन्फ्रा हरे निशान में बंद हुए। जबकि ऑटो, आईटी, फार्मा, एफएमसीजी, कंजप्शन और सर्विसेज लाल निशान में रहे।
सेंसेक्स पैक में बजाज फाइनेंस, इटरनल (जोमैटो), अल्ट्राटेक सीमेंट, एलएंडटी, अदाणी पोर्ट्स, भारती एयरटेल, बजाज फिनसर्व, एसबीआई, ट्रेंट और आईसीआईसीआई बैंक प्रमुख लाभार्थी रहे। वहीं एमएंडएम, एशियन पेंट्स, इन्फोसिस, टाइटन, सन फार्मा, टीसीएस, टेक महिंद्रा और टाटा स्टील प्रमुख हानि में रहे।
आशिका इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने बताया कि भारतीय इक्विटी बाजार की शुरुआत मिलाजुली रही, लेकिन अंतिम कारोबारी घंटों में बिकवाली का दबाव देखा गया। इस सप्ताह के अंत में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति घोषणा और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अपेक्षित व्यापार वार्ता से पहले, प्रतिभागियों की धारणा सतर्क रही। घरेलू आर्थिक मोर्चे पर, भारत के थोक महंगाई दर में अगस्त 2025 में सालाना आधार पर 0.52 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो बाजार की 0.30 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीदों से अधिक थी और यह जुलाई में -0.58 प्रतिशत थी।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत मिलीजुली थी। सुबह 9:22 पर सेंसेक्स 40.18 अंक या 0.05 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 81,864.52 और निफ्टी 20.75 अंक या 0.08 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,094.55 पर था।