क्या शादाब चौहान ने अखिलेश यादव पर मुसलमानों की अवहेलना का आरोप लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- शादाब चौहान ने अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- मुसलमानों की अवहेलना का आरोप विशेष रूप से उठाया गया है।
- उत्तर प्रदेश में मुसलमान समुदाय अब जागरूक हो चुका है।
- आंदोलन की बात न करने पर अखिलेश यादव की आलोचना की गई है।
- राजनीतिक हिस्सेदारी के लिए मुसलमानों की आवाज़ को सुनना आवश्यक है।
मेरठ, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। एआईएमआईएम के प्रवक्ता शादाब चौहान ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर मुसलमानों की अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि सपा प्रमुख को केवल मुसलमानों के वोट की चिंता है।
शादाब चौहान ने शनिवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि अखिलेश यादव मॉब लिंचिंग, मदरसों और मीट कारोबारियों पर कार्रवाई के मुद्दे पर कभी आंदोलन की बात नहीं करते हैं। लेकिन जब यादव समाज पर कोई कार्रवाई होती है तो वह आंदोलन की बात करते हैं। इसका मतलब मुसलमानों से उनकी कोई हमदर्दी नहीं है, आप (अखिलेश यादव) बस मुसलमानों के वोटों का इस्तेमाल करते आए हैं। जब आजम खान पर कार्रवाई हुई तब भी अखिलेश यादव ने कोई आंदोलन की बात नहीं कही।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का मुसलमान तय कर चुका है कि अखिलेश यादव अहंकार को त्यागकर मुसलमानों को राजनीतिक हिस्सेदारी नहीं देंगे तो वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे।
शादाब चौहान ने अखिलेश यादव को चुनौती देते हुए कहा कि वह एक मुसलमान का चेहरा डिप्टी सीएम के लिए घोषित करके दिखाएं। वह ऐसा नहीं करेंगे जबकि वह मुसलमानों के वोट का इस्तेमाल करते आए हैं, मुसलमान समुदाय अब जागरूक हो चुका है। शादाब चौहान ने समाजवादी के नेताओं को आमने-सामने बहस की चुनौती दी।
आजम खान की पत्नी के "समाजवादी पार्टी से आशा नहीं रहने" के बयान पर शादाब चौहान ने कहा कि जिस पार्टी को आजम खान ने सींचा, आज उसी पार्टी पर उनकी पत्नी को विश्वास नहीं है। गोमती रिवर फ्रंट, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की जांच नहीं की गई। अखिलेश यादव और उनके परिवार के किसी भी सदस्य की जांच नहीं हुई है, लेकिन सारी कार्रवाई आजम खान पर की गई। इस दौरान उन्होंने एक बार भी आंदोलन का जिक्र नहीं किया। अखिलेश यादव को सिर्फ मुसलमानों का वोट चाहिए, मुस्लिम समाज से कोई हमदर्दी नहीं है।