क्या एसआईआर की समयसीमा बढ़ाने पर प्रतुल शाह देव ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाए?

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क्या एसआईआर की समयसीमा बढ़ाने पर प्रतुल शाह देव ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाए?

सारांश

चुनाव आयोग ने एसआईआर की समयसीमा बढ़ा दी है, भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। जानें, इस मुद्दे पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है और यह किस प्रकार से राजनीतिक चर्चा का हिस्सा बन रहा है।

Key Takeaways

  • चुनाव आयोग की समयसीमा बढ़ाने का निर्णय
  • भाजपा प्रवक्ता का बयान और चुनाव आयोग की कार्यशैली
  • पश्चिम बंगाल में गीता पाठ का आयोजन
  • मौलाना मदनी के बयान पर प्रतिक्रिया
  • राजनीतिक दृष्टिकोण और देशहित

रांची, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चुनाव आयोग ने 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की तारीख को बढ़ा दिया है। भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने सोमवार को कहा कि चुनाव आयोग अपने अनुसार कार्य करता है।

प्रतुल शाह देव ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "चुनाव आयोग जब जैसा आवश्यक समझता है, उसी हिसाब से निर्णय लेता है। आयोग ने महसूस किया होगा कि बीएलओ पर दबाव है और उन्हें और समय देना चाहिए ताकि एसआईआर की प्रक्रिया विस्तार से हो सके। मतदाता सूची से गलत मतदाताओं को हटाया जाएगा और असली लोगों को इसमें शामिल किया जाएगा। यदि इस प्रक्रिया में 10 दिनों की देरी हो रही है, तो यह स्वीकार्य है, क्योंकि ऐसी प्रक्रिया 20 वर्षों में केवल एक-दो बार होती है।"

भाजपा प्रवक्ता ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल में गीता पाठ के आयोजन पर कहा, "बंगाल में सनातनी संस्कृति को बनाए रखने के लिए जिस प्रकार का आयोजन हो रहा है, वह सराहनीय है। देश के कई प्रसिद्ध व्यक्ति, संत और साधु इसमें भाग लेंगे। पश्चिम बंगाल वही स्थान है, जहां टीएमसी के एक विधायक ने कहा था कि वे बाबरी मस्जिद बनाएंगे।"

उन्होंने कहा, "देश में आक्रांताओं के नाम पर मस्जिद बनाना एक गलती को दोहराने का प्रयास है, जिसे हमने सुधारने का प्रयास किया। गीता पाठ होने से ममता दीदी को सद्बुद्धि मिले। उनकी राजनीतिक दृष्टि बाधित हो गई है, शायद गीता पाठ और मंत्रोच्चार से वह भी सुधरें। उन्हें अल्पसंख्यकों के साथ बहुसंख्यकों को समान सम्मान देना सीखना चाहिए।"

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के जिहाद पर दिए गए हालिया विवादित बयान पर भाजपा प्रवक्ता ने तंज कसा। उन्होंने कहा, "मौलाना मदनी जैसे लोगों को पाकिस्तान भेजा जाना चाहिए। ये लोग देश के अंदर सिविल वार को बढ़ावा देते हैं और साथ में जिहाद की धमकी देते हैं। यह सीधे देशद्रोह है। यदि उनके अनुसार सुप्रीम कोर्ट और देश की सरकार फैसला नहीं करती, तो वे जिहाद करेंगे।"

उन्होंने कहा, "मदनी जैसे लोग ही देश में जिहाद की भावना को बढ़ावा देते हैं। हाल ही में अल्फला यूनिवर्सिटी में जैसे डॉक्टरों का मॉड्यूल पकड़ा गया, उसके पीछे मदनी जैसे लोग ही जिम्मेदार होते हैं। ऐसे लोगों का घर पाकिस्तान है, न कि हमारा देश।"

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं का सम्मान करें, हालांकि यह भी जरूरी है कि राजनीतिक दलों के प्रवक्ताओं की प्रतिक्रियाओं को गंभीरता से लिया जाए। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन राष्ट्रहित को हमेशा प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
NationPress
13/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाना सही है?
राजनीतिक चर्चा में चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाना आम बात है, लेकिन इसे संतुलित और तथ्यों के आधार पर करना चाहिए।
एसआईआर प्रक्रिया का महत्व क्या है?
एसआईआर प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को सही और अद्यतन करना है, जिससे चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो सके।
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