क्या शेन वॉर्न ने लेग स्पिन गेंदबाजी में जादू किया, जब उन्होंने फेंकी 'बॉल ऑफ द सेंचुरी'?

सारांश
Key Takeaways
- 708 टेस्ट विकेट के साथ वॉर्न ने इतिहास रचा।
- उनकी ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ ने क्रिकेट की परिभाषा बदल दी।
- वॉर्न ने 145 टेस्ट मैचों में खेला और 37 बार पारी में पांच या अधिक विकेट लिए।
- उनका योगदान न केवल खेल में, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा के रूप में भी है।
- वॉर्न का निधन 4 मार्च 2022 को हुआ।
नई दिल्ली, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। शेन वॉर्न ऑस्ट्रेलिया के सबसे प्रसिद्ध लेग स्पिनरों में से एक थे, जिन्हें ‘स्पिन का जादूगर’ कहा जाता था। वर्ष 1992 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले वॉर्न ने अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजों को निरंतर परेशान किया। उन्होंने 708 टेस्ट विकेट चटकाए, जो एक लंबे समय तक विश्व रिकॉर्ड बना रहा। वॉर्न की ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ ने क्रिकेट जगत को चौंका दिया। आईपीएल में, उन्होंने राजस्थान रॉयल्स को पहली ट्रॉफी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने व्यक्तित्व के कारण भी चर्चा में रहे।
शेन वॉर्न का जन्म 13 सितंबर 1969 को विक्टोरिया में हुआ। उन्होंने लगभग समाप्त हो चुकी लेग स्पिन गेंदबाजी में नई जान फूंक दी। वॉर्न गेंद को अपने उंगलियों और कलाई के कौशल से अधिकतम टर्न करवाते थे, जिससे गेंद में उछाल भी आती थी।
वॉर्न ने जनवरी 1992 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की, जब उन्होंने भारत के खिलाफ पहला टेस्ट खेला, जिसमें उन्होंने केवल एक विकेट लिया। लेकिन दिसंबर 1992 में, उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पांचवे टेस्ट में आठ विकेट चटकाए।
इसके बाद, वॉर्न ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनकी गेंदबाजी की सटीकता और विविधता ने उन्हें एक जादुई स्पिनर बना दिया।
जून 1993 में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इंग्लैंड का दौरा किया और एशेज सीरीज का पहला टेस्ट मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड पर खेला गया।
ऑस्ट्रेलियाई पारी 289 रन पर सिमट गई और वॉर्न को गेंदबाजी का मौका मिला। यह उनका 12वां टेस्ट था।
शेन वॉर्न ने एशिया कप में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज की और दाएं हाथ के बल्लेबाज माइक गेटिंग को लेग ब्रेक गेंद फेंकी। गेंद लेग स्टंप से बाहर गई और फिर टर्न होकर ऑफ स्टंप को छू गई।
माइक गेटिंग हैरान रह गए और अंपायर भी समझ नहीं पाए कि यह कैसे संभव हुआ। इस गेंद को ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ कहा गया।
वॉर्न अपनी बॉडी लैंग्वेज और रणनीति से बल्लेबाजों पर दबाव बनाते थे। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 145 मुकाबले खेले और 25.41 की औसत से 708 विकेट लिए। इस दौरान, उन्होंने 37 बार पारी में पांच या अधिक विकेट लिए।
वॉर्न टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों में दूसरे स्थान पर हैं, जबकि पहले स्थान पर मुथैया मुरलीधरन हैं, जिन्होंने 800 विकेट लिए। वनडे क्रिकेट में उन्होंने 194 मुकाबले खेले और 293 विकेट प्राप्त किए।
घरेलू स्तर पर उनका प्रदर्शन भी शानदार था। उन्होंने 301 फर्स्ट क्लास मुकाबलों में 1,319 विकेट और 311 लिस्ट-ए मुकाबलों में 473 विकेट लिए। 4 मार्च 2022 को इस दिग्गज गेंदबाज ने 52 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कहा।