शेख हसीना के खिलाफ मामला: 17 नवंबर को सजा क्यों तय की गई?
सारांश
Key Takeaways
- शेख हसीना के खिलाफ गंभीर आरोप हैं।
- 17 नवंबर को सजा सुनाई जाएगी।
- बांग्लादेश में हालात तनावपूर्ण हैं।
- अवामी लीग ने ढाका में लॉकडाउन लगाया है।
- सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
नई दिल्ली, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ सभी मामलों में सजा सुनाने की तारीख इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने निर्धारित कर दी है। आईसीटी शेख हसीना के मामले में 17 नवंबर को सजा सुनाएगी। आइए जानते हैं कि बांग्लादेश की पूर्व पीएम के खिलाफ कौन-कौन से आरोप लगाए गए हैं।
शेख हसीना की सरकार जुलाई 2024 में गैर-लोकतांत्रिक तरीके से गिराई गई थी। इस घटना के बाद हसीना ने अपना देश छोड़ दिया था। इस दौरान उनके ऊपर हत्या और साजिश के गंभीर आरोप लगाए गए। हसीना के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
जुलाई 2024 में बांग्लादेश में एक छात्र आंदोलन शुरू हुआ, जिसने जल्द ही हिंसक रूप ले लिया। इसी आंदोलन की आड़ में शेख हसीना की सरकार को गिराया गया। इसके बाद, अगस्त 2024 में पूर्व पीएम शेख हसीना भारत चली गईं।
इसके पश्चात, बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का गठन हुआ। यूएन की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई में हुई हिंसा में लगभग 1,400 लोगों की मृत्यु हो गई।
हसीना की तत्कालीन सरकार पर हत्या, अपराध रोकने में विफलता, मानवता के खिलाफ अपराध, छात्रों को गिरफ्तार कर टॉर्चर करने, एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल किलिंग, फायरिंग और हत्या के लिए बल प्रयोग करने जैसे कई गंभीर आरोप लगे हैं।
बांग्लादेश के प्रॉसिक्यूशन ने शेख हसीना के दोषी पाए जाने पर उनके लिए मृत्युदंड की मांग की है। इस मामले में सजा की तारीख सुनाने से पहले अवामी लीग ने ढाका में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया। हसीना मामले में कोर्ट में सुनवाई के दौरान किसी भी अनहोनी की आशंका को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मजूमदार, जस्टिस मोहम्मद शफीउल आलम महमूद, और जस्टिस मोहम्मद मोहितुल हक इनाम चौधरी की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय बेंच ने मामले में सजा सुनाने की तारीख 17 नवंबर तय की है।